राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष के नेता खड़गे और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच तीखी बहस हुई। खड़गे ने सवाल उठाए, नड्डा ने करारा जवाब दिया।
Parliament Monsoon Session: राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आतंकवाद के मुद्दे पर सरकार को समर्थन देने की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि जब भी देश पर आतंकवादी हमला हुआ, पूरा विपक्ष सरकार के साथ खड़ा रहा है। खड़गे ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने ऐसे सभी मौकों पर बिना शर्त सरकार का साथ दिया ताकि देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा हो सके।
आतंकी अब भी फरार, कार्रवाई का सवाल
खड़गे ने अपने संबोधन में कहा कि जो आतंकी हमारे जवानों और नागरिकों की हत्या कर फरार हो गए, वे अब भी खुले घूम रहे हैं। उन्होंने सदन में सवाल उठाया कि अभी तक इन पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं हो सकी। इस विषय पर सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस जवाब नहीं आया है।
ट्रंप की 'मध्यस्थता' टिप्पणी पर नाराज़गी
खड़गे ने अपने भाषण में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान का भी ज़िक्र किया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने में उन्होंने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। खड़गे ने इसे भारत के सम्मान के खिलाफ बताते हुए कहा कि ऐसी बातों को सिरे से खारिज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने 24 बार यह बयान दिया जो कि राष्ट्रीय गरिमा के खिलाफ है।
जेपी नड्डा ने खड़गे की बातों पर जताई आपत्ति
राज्यसभा में नेता सदन और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खड़गे के बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि खड़गे ने ऑपरेशन सिंदूर के विवरण पर चर्चा शुरू की है जो नियम 267 के तहत नहीं की जा सकती। नड्डा ने बताया कि इस पर नियम 167 के तहत ही चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि "यह नियमों का उल्लंघन है और हम चाहते हैं कि पूरा देश जाने कि सरकार चर्चा से भाग नहीं रही है। हम ऑपरेशन सिंदूर पर पूरा संवाद चाहते हैं।"
'आजादी के बाद ऐसा ऑपरेशन कभी नहीं हुआ'
जेपी नड्डा ने जोर देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जैसा अभियान आजादी के बाद पहली बार हुआ है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह का सटीक और साहसी सैन्य अभियान पहले कभी नहीं देखा गया। नड्डा ने यह भी स्पष्ट किया कि खड़गे के कुछ हिस्से रिकॉर्ड में नहीं लिए जाएंगे क्योंकि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच राज्यसभा के सभापति ने यह सुनिश्चित किया कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस पर प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है और नियमों के तहत चर्चा होगी। इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।