जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने राज्य को पुनः पूर्ण राज्य (स्टेटहुड) का दर्जा दिए जाने को लेकर अहम बयान दिया है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर 8 अगस्त को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का इंतजार करने की बात कही।
Jammu-Kashmir Statehood Hearing: पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने से जुड़ा मामला 8 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि अदालत क्या फैसला करेगी, लेकिन उम्मीद के साथ इंतजार करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) पर तीखा हमला बोला और कहा कि आज जो हालात बने हैं, उसमें PDP की बड़ी भूमिका रही है।
8 अगस्त को SC में अहम सुनवाई
बुधवार, 6 अगस्त को अनंतनाग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, सुप्रीम कोर्ट में क्या होगा, ये कोई नहीं जानता। हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि कोर्ट क्या फैसला सुनाती है। उम्मीदों पर कुछ नहीं कहा जा सकता।" गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटा दिए थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—में विभाजित कर दिया था। इसके बाद से ही राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग लगातार हो रही है।
पत्रकारों ने जब पूछा कि उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा विपक्षी नेताओं को लिखी चिट्ठी पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है, तो फारूक अब्दुल्ला ने जवाब दिया:
'मैं खुद दिल्ली जा रहा हूं। कांग्रेस ने सभी विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है। मैं वहां इस मुद्दे को ज़रूर उठाऊंगा। उम्मीद है कि कांग्रेस पहले की तरह हमारे साथ खड़ी रहेगी।'
उमर अब्दुल्ला ने विपक्षी दलों से आग्रह किया था कि वे संसद में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा प्रमुखता से उठाएं।
PDP पर बड़ा हमला
फारूक अब्दुल्ला का गुस्सा महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी पर साफ तौर पर झलका। उन्होंने कहा: अगर पीडीपी ने उस वक्त भाजपा के साथ गठबंधन न किया होता, तो आज ये स्थिति नहीं होती। इन्होंने ही बीजेपी को यहां लाकर जम्मू-कश्मीर को संकट में डाला। अब हमें ज्ञान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि: अफसोस होता है कि आज भी ये लोग जनता को बेवकूफ बना रहे हैं।
अगर उस वक्त मुफ्ती मोहम्मद सईद ने NC और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई होती, तो अनुच्छेद 370 नहीं हटता। हमने उन्हें ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने बीजेपी को प्राथमिकता दी। आज की स्थिति के लिए वही ज़िम्मेदार हैं। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया था। अब 6 साल बाद एक बार फिर यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष है।