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फिलिस्तीन को 152 देशों की मान्यता, अब्बास ने हमास को सरेंडर करने का दिया अल्टीमेटम

फिलिस्तीन को 152 देशों की मान्यता, अब्बास ने हमास को सरेंडर करने का दिया अल्टीमेटम

फिलिस्तीन को लगातार अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल रही है। इसी बीच राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हमास पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि गाजा में उसकी कोई भूमिका नहीं होगी और उसके लड़ाकों को तुरंत हथियार फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंपने होंगे।

Palestinian: फिलिस्तीन को लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है। कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े देश अब फिलिस्तीन को औपचारिक रूप से एक राष्ट्र के रूप में मान चुके हैं। इसी बीच फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने आतंकी संगठन हमास पर सीधा वार करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि गाजा में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी और उसके लड़ाकों को तुरंत हथियार सरेंडर करने होंगे।

हमास से सरेंडर की मांग

मह्मूद अब्बास ने अपने संबोधन में कहा कि हमास और उससे जुड़े अन्य गुटों को अपने हथियार फिलिस्तीनी प्राधिकरण (Palestinian Authority) को सौंपने होंगे। राष्ट्रपति ने साफ किया कि अब गाजा पट्टी में हमास का कोई दखल नहीं चलेगा।

उन्होंने यह बात संयुक्त राष्ट्र (UN) के Peace Summit को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कही। दरअसल, अमेरिका ने उन्हें वीजा देने से इनकार कर दिया था, जिसके चलते वे सीधे सम्मेलन में शामिल नहीं हो पाए। इसके बावजूद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच से अपनी बात स्पष्ट शब्दों में रखी।

इजरायल पर हमले की निंदा

मह्मूद अब्बास ने इस अवसर पर 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा किए गए इजरायल हमले की कड़ी निंदा भी की। उन्होंने कहा कि नागरिकों की हत्या और अपहरण किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है।

उनके अनुसार, “हम 7 अक्टूबर, 2023 को हमास की कार्रवाई की निंदा करते हैं, जिसमें इजरायली नागरिकों की हत्या और अपहरण शामिल है।” आपको बता दें कि उस दिन हमास ने इजरायल की सीमा में घुसकर 1200 से ज्यादा लोगों की हत्या की थी और सैकड़ों नागरिकों का अपहरण कर उन्हें गाजा ले जाया गया था। यह घटना इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष का एक बेहद खौफनाक अध्याय बन गई।

अंतरराष्ट्रीय मान्यता की रफ्तार

फिलिस्तीन को अब तक 152 देशों की मान्यता मिल चुकी है। हाल ही में फ्रांस ने फिलिस्तीन को औपचारिक मान्यता दी है। इससे पहले ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भी इस कदम का समर्थन किया था।

यह अंतरराष्ट्रीय मान्यता फिलिस्तीन के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। लंबे समय से फिलिस्तीन राज्य के रूप में मान्यता पाने की कोशिश कर रहा था और अब एक-एक कर बड़े देश इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

यूरोप में मतभेद

हालांकि, यूरोप में फिलिस्तीन की मान्यता को लेकर मतभेद साफ दिखाई दे रहे हैं। इटली ने फिलिस्तीन को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। इसके चलते इटली की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। मेलोनी सरकार के खिलाफ लोग लगातार नारेबाजी कर रहे हैं और फिलिस्तीन को समर्थन देने की मांग कर रहे हैं।

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