लगातार हो रही भारी बारिश के चलते राजस्थान के टोंक जिले में स्थित बीसलपुर डैम पहली बार जुलाई महीने में अपनी अधिकतम जलभराव क्षमता पर पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने के बाद गुरुवार शाम 4 बजकर 56 मिनट पर डैम का एक गेट खोलना पड़ा। इससे पहले तक बीसलपुर डैम के गेट कभी भी 18 अगस्त से पहले नहीं खोले गए थे।
गेट खोलने से पहले पूजा-अर्चना और सुरक्षा व्यवस्था
गेट खोलने की प्रक्रिया परंपरागत पूजा-अर्चना के साथ शुरू की गई। टोंक की जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल और देवली सीट से बीजेपी विधायक राजेंद्र गुर्जर ने धार्मिक अनुष्ठान के बाद डैम का बटन दबाकर गेट खोला। डैम के कुल 18 गेटों में से फिलहाल सिर्फ 10 नंबर गेट खोला गया है।
गेट खोलने से पहले दोपहर 12 बजे से ही सायरन बजाकर और मुनादी कराकर निचले इलाकों के लोगों को सतर्क कर दिया गया था। प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए, जिससे कोई जनहानि ना हो। गेट खुलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग यह दृश्य देखने पहुंचे और वहां मेले जैसा माहौल बन गया। कई लोगों ने तस्वीरें और वीडियो भी लिए, वहीं कुछ ने तालियां बजाईं और मिठाइयां बांटकर खुशी जताई।
डैम से जयपुर-अजमेर जैसे शहरों को मिलती है जल आपूर्ति
बीसलपुर डैम राजस्थान के सबसे अहम जलस्रोतों में से एक है। इसका पानी न केवल टोंक बल्कि जयपुर, अजमेर और अन्य शहरों में पीने के लिए सप्लाई किया जाता है। इसके अलावा, आसपास के जिलों के किसानों को सिंचाई के लिए भी इसी डैम से पानी मिलता है। डैम बनने के बाद से इन इलाकों में पानी की किल्लत काफी हद तक कम हो गई है।
डैम खुलने की यह घटना इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि इससे पहले कभी जुलाई में इसका गेट नहीं खोला गया था। इस बांध को 556 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। इसकी ऊंचाई लगभग 40 मीटर और लंबाई 574 मीटर है। इसमें बनास नदी और बारिश का पानी स्टोर किया जाता है। गेट खुलने के साथ ही पानी को सीधे बनास नदी में छोड़ा जा रहा है, जो पहले से ही उफान पर है।
अब तक आठ बार खुले हैं गेट
बीसलपुर डैम के गेट अब तक कुल आठ बार खोले गए हैं। पहली बार यह गेट 18 अगस्त 2004 को खोला गया था। इसके बाद 2006, 2014, 2016, 2019, 2022 और 2024 में यह प्रक्रिया दोहराई गई। लेकिन 2025 में यह पहली बार हुआ जब जुलाई महीने में ही गेट खोलने पड़े।
हालांकि प्रशासन का कहना है कि सभी जरूरी एहतियाती कदम उठाए गए हैं ताकि निचले इलाकों में बाढ़ या नुकसान जैसी स्थिति न बने। संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और निगरानी बढ़ा दी गई है।
बीसलपुर डैम का जुलाई में खुलना एक असामान्य लेकिन जरूरी कदम रहा। भारी बारिश और जलस्तर के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रशासन ने सही समय पर निर्णय लेकर संभावित संकट को टाल दिया। वहीं, यह घटना लोगों के बीच चर्चा का विषय भी बन गई, जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग डैम पहुंचे और क्षण को कैमरे में कैद किया।