सरकार ने वाहन मालिकों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा करते हुए 3000 रुपये के एनुअल पास की सुविधा शुरू करने का ऐलान कर दिया है।
नई दिल्ली: देश में टोल प्लाजा पर लगने वाली भारी भरकम फीस और लंबी कतारों से जूझ रहे लाखों वाहन चालकों के लिए राहत की बड़ी खबर सामने आई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने फास्टैग को लेकर एक क्रांतिकारी योजना का ऐलान किया है, जिसके तहत अब केवल 3000 रुपये के वार्षिक भुगतान पर आप पूरे साल नेशनल हाइवे पर 200 बार तक यात्रा कर सकते हैं, वह भी बिना किसी अतिरिक्त टोल चार्ज के। इस स्कीम के लागू होने से यात्रा के खर्च में भारी कमी आएगी और समय की भी बचत होगी।
इस नई व्यवस्था को एनुअल फास्टैग पास नाम दिया गया है, जिसकी शुरुआत आगामी 15 अगस्त 2025 से होगी। खास बात यह है कि यह सुविधा केवल नॉन-कमर्शियल निजी वाहनों के लिए लागू होगी।
क्या है एनुअल फास्टैग पास योजना
सरकार द्वारा शुरू की जा रही इस योजना के तहत अब प्राइवेट वाहन मालिक केवल 3000 रुपये का फास्टैग रिचार्ज करवा कर सालभर तक 200 ट्रिप नेशनल हाइवे पर कर सकते हैं। यानी एक ट्रिप का खर्च केवल 15 रुपये पड़ेगा, जो वर्तमान में कई गुना अधिक होता है।
इस योजना के मुताबिक
- फास्टैग पास एक साल तक या 200 ट्रिप तक वैध रहेगा
- ट्रिप की गिनती एक्टिवेशन की तारीख से शुरू होगी
- तय सीमा (200 ट्रिप या 12 महीने) में से जो पहले खत्म हो, उसी के आधार पर रिन्यूअल करना होगा
उदाहरण के लिए, यदि कोई उपयोगकर्ता छह महीने में ही 200 ट्रिप पूरे कर लेता है, तो उसे फिर से पास रिचार्ज कराना होगा।
लाभ: खर्च में कटौती और समय की बचत
नई व्यवस्था से सबसे बड़ा लाभ वाहन चालकों को मिलेगा जो नियमित रूप से हाईवे का इस्तेमाल करते हैं। अब तक 60-100 किलोमीटर की दूरी तय करने में उन्हें औसतन 200-300 रुपये तक टोल देना पड़ता था। जैसे कि नोएडा से गजरौला जाने वाले यात्रियों को 295 रुपये टोल देना पड़ता है। लेकिन एनुअल पास के साथ यही ट्रिप केवल 15 रुपये में पूरी हो सकेगी।
इसके अतिरिक्त
- लंबी कतारों में लगने का समय बचेगा
- टोल भुगतान की प्रक्रिया ज्यादा सरल होगी
- बार-बार पैसे रिचार्ज कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी
- डिजिटल ट्रांजैक्शन के चलते ट्रैफिक की गति में सुधार आएगा
एनएचएआई और ऐप से होगी सुविधा की शुरुआत
नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि एनुअल फास्टैग पास को एक्टिवेट और रिन्यू करने की सुविधा जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप, एनएचएआई और MoRTH की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। इससे उपयोगकर्ता घर बैठे इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
एनएचएआई के मुताबिक, इस सुविधा का उद्देश्य टोल कलेक्शन में पारदर्शिता लाना और डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देना है। साथ ही इससे राजमार्गों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम को भी काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
लाखों वाहन चालकों को होगा सीधा लाभ
सरकार की इस पहल से उन लोगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा, जो रोजाना या सप्ताह में कई बार हाइवे से यात्रा करते हैं। खासकर दिल्ली-एनसीआर, मुंबई-पुणे, बेंगलुरु-मैसूर जैसे क्षेत्रों में रोजाना टोल देने वाले लाखों वाहन मालिकों के लिए यह सुविधा एक राहत की तरह आएगी।
यह स्कीम ऐसे यात्रियों के लिए आदर्श है जो दैनिक ऑफिस यात्रा या पारिवारिक यात्राओं के लिए हाइवे का उपयोग करते हैं। इससे ट्रिप की लागत बेहद कम हो जाएगी और ट्रैफिक में समय भी नहीं गंवाना पड़ेगा।
पहले की अफवाहें और अब की सच्चाई
इस योजना की घोषणा से पहले फास्टैग को लेकर कई तरह की चर्चाएं और अफवाहें चल रही थीं
- कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि सरकार 3000 रुपये में लाइफटाइम फास्टैग दे सकती है
- कुछ ने दावा किया कि हर 100 किलोमीटर पर 50 रुपये का फिक्स टोल लागू होगा
हालांकि, अब सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल केवल एनुअल पास वाला विकल्प ही लागू किया जा रहा है और फिक्स टोल या लाइफटाइम फास्टैग पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
सरकार का उद्देश्य: आसान और किफायती यात्रा
यह योजना सरकार की उस नीति के अनुरूप है, जिसके तहत वह सड़क परिवहन को अधिक सुविधाजनक, सस्ता और टिकाऊ बनाना चाहती है। नितिन गडकरी ने कई बार कहा है कि आने वाले वर्षों में देश के हाइवे नेटवर्क को इंटरनेशनल लेवल पर लाना उनका लक्ष्य है।
इस योजना से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी बल्कि टोल कलेक्शन की प्रक्रिया भी अधिक सुव्यवस्थित होगी।
निवेश की दृष्टि से भी अहम कदम
फास्टैग की यह नई पॉलिसी निवेशकों और स्टार्टअप कंपनियों के लिए भी अवसरों के द्वार खोल सकती है। इससे डिजिटल पेमेंट गेटवे, ई-वॉलेट कंपनियों और ट्रैफिक मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर्स को नई संभावनाएं मिल सकती हैं।
टोल प्लाजा पर लगने वाले हाईटेक कैमरे, सेंसर और पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने की मांग बढ़ेगी, जिससे रोजगार और तकनीकी विकास को भी बल मिलेगा।