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11 किमी तक राख, इंडोनेशिया में फिर ज्वालामुखी विस्फोट, हाई अलर्ट जारी

11 किमी तक राख, इंडोनेशिया में फिर ज्वालामुखी विस्फोट, हाई अलर्ट जारी

इंडोनेशिया के लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी में 17 जून को बड़ा विस्फोट हुआ। 11 किमी ऊंचा राख का बादल फैला। हाई अलर्ट जारी हुआ और कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करना पड़ा।

Indonesias: 17 जून 2025 को इंडोनेशिया के फ्लोर्स द्वीप स्थित लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी में जोरदार विस्फोट हुआ। इस विस्फोट से 11 किलोमीटर ऊंचा राख का बादल उठा। इंडोनेशिया की ज्वालामुखी एजेंसी ने इसे हाई अलर्ट घोषित करते हुए कई जरूरी चेतावनियां जारी कीं। बाली की उड़ानों पर असर पड़ा और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा उपाय तेज किए गए।

ज्वालामुखी का स्थान

लेवोटोबी लाकी-लाकी ज्वालामुखी इंडोनेशिया के पूर्वी नुसा तेंगारा प्रांत में फ्लोर्स द्वीप पर स्थित है। यह ज्वालामुखी 1584 मीटर ऊंचा है और इसका नाम इंडोनेशियाई भाषा में "लाकी-लाकी" यानी पुरुष है। इसके पास ही एक और ज्वालामुखी है, लेवोटोबी पेरेमपुआन, जिसका अर्थ महिला है। ये दोनों मिलकर एक ज्वालामुखीय जोड़ी बनाते हैं।

पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर सक्रिय ज्वालामुखी

लेवोटोबी लाकी-लाकी पैसिफिक रिंग ऑफ फायर पर स्थित है। यह वह क्षेत्र है जहां पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटें टकराती हैं, जिससे भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट सामान्य हैं। इंडोनेशिया में कुल 120 सक्रिय ज्वालामुखी हैं और यह उनमें से एक है।

राख का ऊंचा बादल और असर

इस ज्वालामुखी ने लगभग 10,000 मीटर यानी 32,800 फीट ऊंचाई तक राख का बादल छोड़ा। एजेंसी ने बताया कि सामान्य दिनों में यह ज्वालामुखी 8 से 10 बार हल्की गतिविधि करता है, लेकिन इस दिन दो घंटे में 50 बार सक्रियता दर्ज की गई। बादल मशरूम के आकार का था और नारंगी रंग की राख आसपास के गांवों में फैल गई।

सबसे गंभीर अलर्ट स्तर घोषित

इंडोनेशिया के ज्वालामुखी और भूवैज्ञानिक आपदा न्यूनीकरण केंद्र (PVMBG) ने अलर्ट को स्तर IV यानी सबसे गंभीर घोषित किया। मई 2025 में भी यही स्तर घोषित किया गया था जब आठ विस्फोट हुए थे।

एजेंसी की चेतावनियां

खतरे का क्षेत्र: ज्वालामुखी के क्रेटर से 8 किलोमीटर के दायरे में कोई मानवीय गतिविधि न करने की सलाह दी गई है।

लावा प्रवाह की आशंका: भारी वर्षा होने पर लहर (lahar) बनने की चेतावनी दी गई है। खासकर उन नदियों में जो ज्वालामुखी के आसपास से निकलती हैं, जैसे दुलिपाली, नोबो, होकेंग जया और नुराबेलेन।

स्वास्थ्य सुरक्षा: राख की बारिश से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने और नाक-मुंह ढकने की सलाह दी गई है।

हवाई यातायात पर असर

इस विस्फोट के चलते माउमेरे का फ्रांसिस्ककुस जेवियर्स सेडा एयरपोर्ट 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया। बाली के आई गुश्ती नुग्रह राय इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 37 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुईं। एयर इंडिया, सिंगापुर एयरलाइंस, वर्जिन ऑस्ट्रेलिया, जेटस्टार और जुनेयाओ एयर जैसी कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर असर पड़ा। एयरएशिया की कई घरेलू उड़ानें भी रद्द की गईं।

ऑस्ट्रेलिया के डार्विन स्थित वॉल्केनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर ने रेड अलर्ट जारी किया। राख के चलते विमानों के इंजन खराब होने और दृश्यता घटने का खतरा बताया गया। सभी विमानों को ज्वालामुखी क्षेत्र में 6000 मीटर से नीचे उड़ान न भरने की सलाह दी गई।

हाल के वर्षों में अन्य विस्फोट

नवंबर 2024: कई विस्फोटों में 9 लोगों की मौत हुई। 16000 लोग विस्थापित हुए। सात गांवों में लावा और चट्टानों से नुकसान हुआ।

मार्च 2025: 8 किलोमीटर ऊंचा राख का बादल फैला और सात अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हुईं।

मई 2025: आठ विस्फोटों के साथ राख 5.5 किलोमीटर तक पहुंची और अलर्ट स्तर सबसे गंभीर कर दिया गया।

पैसिफिक रिंग ऑफ फायर दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। इस घोड़े की नाल जैसे आकार 

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