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सावन का आखिरी सोमवार: इस उपाय से बदल सकती है किस्मत, भोलेनाथ बरसाएंगे कृपा

सावन का आखिरी सोमवार: इस उपाय से बदल सकती है किस्मत, भोलेनाथ बरसाएंगे कृपा

सावन का महीना अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है और अब भगवान शिव की उपासना का आखिरी बड़ा मौका सामने है। इस बार सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को मनाया जाएगा, जो धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण दिन होगा। शिवभक्तों के लिए यह दिन भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा पाने का अंतिम अवसर है। अगर आप भी चाहते हैं कि शिवजी की कृपा आपके जीवन में बनी रहे, तो इस खास सोमवार को कुछ खास कार्य करना बेहद लाभकारी साबित हो सकता है।

कब है सावन का आखिरी सोमवार

सावन माह का चौथा और अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है। यह दिन एकादशी तिथि के साथ-साथ कई शुभ योगों का संयोग लेकर आ रहा है। श्रावण मास में आने वाला प्रत्येक सोमवार शुभ फल देने वाला माना जाता है, लेकिन आखिरी सोमवार का महत्व कई गुना अधिक होता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत, पूजा और भगवान शिव का ध्यान करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।

भोलेनाथ को कैसे करें प्रसन्न

सावन के अंतिम सोमवार को शिवजी को प्रसन्न करने के लिए किसी जटिल प्रक्रिया की जरूरत नहीं है। बस थोड़ी सी श्रद्धा और सच्चे मन से किए गए कुछ सरल उपाय ही आपके जीवन की दिशा बदल सकते हैं।

व्रत जरूर रखें

इस पावन दिन पर व्रत रखने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। जो भक्त पूरे सावन व्रत नहीं रख पाए, वे कम से कम इस आखिरी सोमवार को व्रत जरूर रखें। इस दिन फलाहार करके भगवान शिव का ध्यान करें और दिनभर उनके नाम का जप करें।

गंगाजल और पंचामृत से करें अभिषेक

शिवलिंग का अभिषेक इस दिन का सबसे अहम हिस्सा होता है। प्रातःकाल स्नान के बाद शिव मंदिर जाएं या घर पर शिवलिंग स्थापित कर लें। इसके बाद गंगाजल से सबसे पहले अभिषेक करें। फिर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से मिलाकर बनाए गए पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराएं। इस क्रिया को करते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।

बिल्वपत्र, धतूरा और आक का विशेष महत्व

सावन में भगवान शिव को बेलपत्र सबसे प्रिय होता है। सोमवार के दिन तीन बेलपत्र पर श्रीराम, शिव और पार्वती का नाम लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। साथ ही, धतूरा, आक के फूल और फल, सफेद फूल, भांग आदि चढ़ाना भी शिव पूजन में विशेष फल देता है। ध्यान रहे कि ये सब चीजें शुद्ध और ताजा होनी चाहिए।

इस दिन करें शिव चालीसा और आरती का पाठ

पूजा के अंत में भगवान शिव की चालीसा और आरती जरूर करें। इससे वातावरण पवित्र होता है और मन में भक्ति की भावना जागृत होती है। अगर संभव हो तो इस दिन मंदिर जाकर सामूहिक आरती में भाग लें।

दान-पुण्य भी लाएगा पुण्य फल

सावन के आखिरी सोमवार को जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, जल या शिवजी से संबंधित वस्तुएं जैसे रुद्राक्ष, धार्मिक पुस्तकें या पूजा सामग्री दान करना बहुत पुण्यदायक माना जाता है। यह कार्य न केवल पुण्य देता है, बल्कि शिवजी की कृपा पाने का आसान तरीका भी है।

यह भी जरूर करें

  • शिवलिंग पर कपूर जलाएं और दीपक प्रज्वलित करें
  • शिवपुराण का पाठ करें या सुनें
  • गरीबों को भोजन कराएं
  • शुद्ध घी से दीपक जलाकर शिवजी के सामने रखें
  • शिव मंदिर में जाकर जलधारा अर्पित करें

सावन का आखिरी सोमवार क्यों है खास

श्रावण मास को भगवान शिव का प्रिय मास कहा गया है और इस माह के प्रत्येक सोमवार को शिव भक्त विशेष पूजा करते हैं। परंतु जो लोग पहले के सोमवारों में पूजा या व्रत नहीं कर पाए, उनके लिए आखिरी सोमवार विशेष मायने रखता है। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा, अभिषेक और उपवास पूरे सावन के पुण्य के बराबर फल देता है।

इसके अतिरिक्त इस बार आखिरी सोमवार को पड़ने वाली एकादशी और शुभ योगों का संयोग इस दिन को और भी फलदायी बना रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग इस दिन को अत्यंत शुभ बना देगा, जिसमें किया गया हर कार्य सफलता की ओर अग्रसर होता है।

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