भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सफलतापूर्वक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से धरती पर लौट आए हैं। उन्होंने एक्सिओम-4 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया और साढ़े 22 घंटे की लंबी अंतरिक्ष यात्रा के बाद पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी की।
Axiom-4 Mission: भारत के लिए गर्व का क्षण तब आया जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) अंतरिक्ष में अपने सफल मिशन को पूरा करने के बाद 18 दिन बाद धरती पर लौट आए। वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से वापसी करने वाले भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। शुभांशु शुक्ला स्पेसएक्स के एक्सिओम-4 मिशन (Axiom-4 Mission) का हिस्सा थे, जिसमें उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी शामिल थे।
समंदर में हुआ स्प्लैशडाउन, धरती पर रखा कदम
शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम ने अपनी यात्रा का समापन समंदर में स्प्लैशडाउन के जरिए किया। भारतीय समय के अनुसार, सोमवार शाम 4:45 बजे स्पेसएक्स का ड्रैगन क्रू कैप्सूल 'ग्रेस' इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अलग हुआ और करीब साढ़े 22 घंटे के सफर के बाद सुरक्षित पृथ्वी पर आ गया। फ्लोरिडा के अटलांटिक महासागर में स्प्लैशडाउन के बाद उन्हें रेस्क्यू टीम द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया।
भारत के लिए ऐतिहासिक पल
शुभांशु शुक्ला की यह वापसी भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ती है। वे भारत के दूसरे ऐसे नागरिक बने, जिन्होंने स्पेस मिशन पूरा कर धरती पर सफल वापसी की। इससे पहले राकेश शर्मा 1984 में भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री बने थे। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर शुभांशु शुक्ला को इस ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई दी और कहा, "शुभांशु ने भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।"
कौन-कौन था मिशन में शामिल?
शुभांशु शुक्ला के साथ इस मिशन में दुनिया के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और वैज्ञानिक भी शामिल थे।
इस मिशन में 4 सदस्य शामिल थे:
- कमांडर पैगी व्हिट्सन (Peggy Whitson) - अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री, जो चार बार अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी हैं।
- मिशन एक्सपर्ट स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की (Slawosz Uznanski-Wisniewski) - पोलैंड के वैज्ञानिक।
- टिबोर कापू (Tibor Kapu) - हंगरी के अंतरिक्ष यात्री।
- शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) - भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिक और मिशन स्पेशलिस्ट।
मिशन में किए गए महत्वपूर्ण प्रयोग
इस Axiom-4 मिशन के दौरान शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम ने स्पेस बायोलॉजी, माइक्रोग्रैविटी में ह्यूमन बॉडी रिस्पॉन्स, और फिजिक्स से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रयोगों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इन प्रयोगों का मकसद भविष्य में मानव अंतरिक्ष यात्रा को और बेहतर और सुरक्षित बनाना है। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय छात्रों के लिए प्रेरणादायी संदेश भी अंतरिक्ष से साझा किए थे।
यह मिशन स्पेसएक्स (SpaceX) और एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया गया। इस मिशन की शुरुआत 12 जुलाई 2025 को हुई थी। ड्रैगन कैप्सूल 'ग्रेस' ने पहले इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के साथ सफलतापूर्वक डॉकिंग की और 18 दिन तक वैज्ञानिक गतिविधियों के बाद सफल वापसी की।
स्पेसएक्स ने अपने 'X' हैंडल पर इस मिशन की रियल-टाइम अपडेट्स साझा की और पूरी दुनिया को बताया कि कैसे यह मिशन वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टि से बेहद सफल रहा।