संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है, जिसके हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। यह सत्र 21 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान विपक्ष कई अहम मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
Monsoon Session 2025: संसद का मॉनसून सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा है। यह सत्र 21 अगस्त 2025 तक चलेगा और इसके हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। विपक्ष जहां सरकार को घेरने की पूरी रणनीति के साथ तैयार बैठा है, वहीं केंद्र सरकार इस बार 8 नए महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश करने की योजना में जुटी है।
इस सत्र के दौरान मणिपुर हिंसा, पहलगाम आतंकी हमला, बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण, और विदेश नीति जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर रहेगा। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर भी विपक्ष सवाल उठाएगा।
'इंडिया गठबंधन' विपक्ष की रणनीति तैयार, सरकार को घेरने की पूरी तैयारी
विपक्षी दलों के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह इस सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रत्यक्ष जवाब की मांग करेगा। विपक्ष का कहना है कि पहलगाम आतंकी हमले के साथ-साथ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर कथित मध्यस्थता के बयान, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन, और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार को जवाब देना ही होगा।
विपक्ष का फोकस ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भी है, जिसमें भारत को कथित नुकसान उठाना पड़ा। विपक्षी नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री को इस ऑपरेशन पर संसद के पटल पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। इसके अलावा, विपक्ष इन मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव लाने की भी तैयारी में है ताकि इन पर बहस कराई जा सके और सरकार से जवाब तलब हो सके। विपक्ष ने इस मुद्दे पर विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, जिसे केंद्र ने खारिज कर दिया था।
सरकार का जवाब- हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार, लेकिन अपनी रणनीति में मजबूत
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह संसद में हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। सूत्रों के मुताबिक, हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के खुद इन मुद्दों पर बयान देने की संभावना बहुत कम है। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर संसद में विस्तृत बयान दे सकते हैं। इसके लिए उन्होंने हाल ही में सैन्य और कैबिनेट अधिकारियों के साथ अहम बैठकें भी की हैं।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि अमेरिका और पाकिस्तान को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर संसद में चर्चा हो तो सरकार पूरी मजबूती से अपना पक्ष रखेगी। इसके अलावा, विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भी विदेश नीति संबंधी मामलों में संसद में बोलने के लिए तैयार रखा गया है।
इन 8 नए विधेयकों पर रहेगा सरकार का फोकस
इस बार सरकार संसद में कुल 8 नए विधेयक पेश करने जा रही है। इसके अलावा कई लंबित विधेयकों पर भी चर्चा होनी है। सरकार का सबसे अहम फोकस आयकर विधेयक 2025 पर रहेगा, जिसे पहले ही संसद की चयन समिति ने संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी है। इसे केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति के बाद संसद में पारित कराने के लिए लाया जाएगा।
प्रस्तावित विधेयकों की सूची
- आयकर विधेयक 2025
- मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025
- जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक 2025 - कारोबार सुगमता और अनुपालन में सुधार लाने हेतु
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025
- कराधान कानून (संशोधन) विधेयक 2025
- भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक 2025
- राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025
- नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक 2025
इसके अलावा सरकार लदान विधेयक 2024, समुद्री माल ढुलाई विधेयक 2024, तटीय नौवहन विधेयक 2024, गोवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों का प्रतिनिधित्व विधेयक 2024, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 पर भी चर्चा कर सकती है। मणिपुर में हालात सामान्य नहीं हो पाने के कारण वहां राष्ट्रपति शासन हर छह माह में संसद की मंजूरी के आधार पर बढ़ाया जाता है।
इस बार भी इसके विस्तार हेतु संसद में विधेयक लाया जा सकता है। विपक्ष इसे लेकर भी सरकार से जवाब मांगेगा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल क्यों नहीं हो पा रही।