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Japan Election 2025: दोनों सदनों में बहुमत खोने के बाद इशिबा सरकार पर संकट, बढ़ी सियासी अस्थिरता

Japan Election 2025: दोनों सदनों में बहुमत खोने के बाद इशिबा सरकार पर संकट, बढ़ी सियासी अस्थिरता

जापान में पीएम इशिबा को बड़ा झटका लगा है। संसदीय चुनाव में उनका गठबंधन दोनों सदनों में बहुमत हासिल करने में विफल रहा। इससे देश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है।

Japan Election 2025: जापान की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन न केवल संसद के निचले सदन में पिछड़ गया बल्कि ऊपरी सदन में भी बहुमत हासिल करने में विफल रहा है। यह हार सिर्फ चुनावी परिणाम नहीं है बल्कि जापानी राजनीति में अस्थिरता का एक संकेत है।

ऊपरी सदन में बहुमत से चूका गठबंधन

जापान की संसद, जिसे 'डायट' कहा जाता है, के उच्च सदन यानी 'हाउस ऑफ काउंसलर्स' की 248 में से 124 सीटों पर रविवार को मतदान हुआ था। प्रधानमंत्री इशिबा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) और उसके गठबंधन सहयोगी कोमेइतो को सत्ता में बने रहने के लिए पहले से मौजूद 75 सीटों के अलावा 50 और सीटों की जरूरत थी। लेकिन गठबंधन सिर्फ 47 सीटें ही जीत पाया। एक सीट का परिणाम अभी लंबित है।

निचले सदन की हार के बाद दूसरा बड़ा झटका

इससे पहले भी प्रधानमंत्री इशिबा के गठबंधन को निचले सदन में हार का सामना करना पड़ा था। अब दोनों सदनों में बहुमत खो देने से गठबंधन की स्थिति कमजोर हो गई है। यह जापान की राजनीति के लिए एक बड़ा मोड़ है क्योंकि 1955 में LDP की स्थापना के बाद यह पहली बार हुआ है जब पार्टी ने दोनों सदनों में बहुमत खोया है। यह पराजय न केवल इशिबा के नेतृत्व की ताकत पर सवाल उठाती है, बल्कि जापान की आंतरिक राजनीतिक स्थिरता को भी चुनौती देती है।

इशिबा की प्रतिक्रिया: हार स्वीकार लेकिन संकल्प बरकरार

प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने चुनावी नतीजों को स्वीकार करते हुए कहा कि वह इस हार को विनम्रता और ईमानदारी से स्वीकार करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे शीर्ष पार्टी नेता के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे और देश की सेवा में लगे रहेंगे। इशिबा ने माना कि जनता तक उनकी सरकार की आर्थिक नीतियों का लाभ समय पर नहीं पहुंच पाया, जिसकी वजह से यह हार हुई।

क्यों नहीं बदलेगी सरकार अभी?

हालांकि ऊपरी सदन में बहुमत खोना गंभीर झटका है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इशिबा सरकार तुरंत बदल जाएगी। जापान के संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार उच्च सदन के पास प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का अधिकार नहीं है। इसका अर्थ है कि सरकार तब तक बनी रह सकती है जब तक निचले सदन में समर्थन बना रहता है।

एग्जिट पोल ने किया था चेतावनी

चुनाव से पहले ही एग्जिट पोल में इशिबा सरकार की हार की आशंका जताई गई थी। जापान के एनएचके टेलीविजन के अनुसार, गठबंधन को 32 से 51 सीटें मिलने की संभावना जताई गई थी। अन्य चैनलों ने भी यही अनुमान जताया था कि गठबंधन 40 से अधिक सीटें ही जीत पाएगा। 

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