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ट्रंप का यू-टर्न: पुतिन के कब्जे वाले प्रस्ताव को दी मंजूरी, जेलेंस्की का सख्त विरोध

ट्रंप का यू-टर्न: पुतिन के कब्जे वाले प्रस्ताव को दी मंजूरी, जेलेंस्की का सख्त विरोध

रूस-यूक्रेन युद्ध में नया मोड़, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन के कब्जे वाले प्रस्ताव का किया समर्थन। जेलेंस्की ने डोनबास क्षेत्र रूस को सौंपने से किया साफ इनकार।

Russia-Ukraine War: फरवरी 2022 से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध दुनिया की सबसे बड़ी भू-राजनीतिक चुनौतियों में से एक बन चुका है। तीन साल से अधिक समय से यह युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। रूस की सेना ने यूक्रेन के कई हिस्सों, खासकर पूर्वी क्षेत्रों, पर कब्जा जमा रखा है। इन इलाकों में डोनेट्स्क और लुगांस्क जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जिन्हें मिलाकर डोनबास कहा जाता है।

रूस की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि वह कब्जाई हुई जमीन किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगा। वहीं यूक्रेन लगातार अपने क्षेत्रीय अखंडता की बात करता रहा है और किसी भी समझौते से पीछे हटता है।

पुतिन का सख्त रुख

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि यूक्रेन से कब्जाई गई जमीन को छोड़ना उनके लिए संभव नहीं है। पुतिन का मानना है कि डोनबास जैसे क्षेत्र रूस की सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम हैं। इसलिए वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद इन हिस्सों को खाली नहीं करेंगे।

पुतिन के इस रुख के चलते अब तक कई शांति वार्ताएं विफल हो चुकी हैं। पश्चिमी देशों के दबाव और आर्थिक प्रतिबंधों के बावजूद रूस अपनी स्थिति से पीछे नहीं हट रहा।

ट्रंप की मध्यस्थता की कोशिश

अमेरिका की राजनीति में लौटने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने को लेकर पहल की है। हाल ही में अलास्का में पुतिन और ट्रंप के बीच करीब तीन घंटे तक लंबी बातचीत हुई।

हालांकि इस बैठक में सीजफायर पर कोई ठोस सहमति नहीं बन सकी, लेकिन चर्चा का केंद्र पुतिन की मांग रही। बैठक के बाद यह जानकारी सामने आई कि ट्रंप ने पुतिन की जमीन कब्जाने वाली शर्त को स्वीकार कर लिया है।

पुतिन की मांग क्या थी?

बैठक के दौरान पुतिन ने साफ कहा कि डोनबास क्षेत्र, जिसमें डोनेट्स्क और लुगांस्क शामिल हैं, को वह रूस से अलग नहीं करेंगे। यह उनकी पहली और सबसे अहम शर्त थी।

ट्रंप ने इस मांग को मान लिया और संकेत दिया कि अगर युद्ध खत्म करना है तो रूस को इन हिस्सों पर नियंत्रण की इजाजत दी जा सकती है। यही ट्रंप का यू-टर्न माना जा रहा है, क्योंकि पहले अमेरिका लगातार यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की बात करता रहा है।

जेलेंस्की का कड़ा विरोध

अलास्का वार्ता के बाद ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से भी फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने पुतिन के प्रस्ताव की जानकारी दी और यूक्रेन से लचीला रुख अपनाने की अपील की।

लेकिन जेलेंस्की ने साफ कर दिया कि यूक्रेन किसी भी कीमत पर डोनबास क्षेत्र रूस को नहीं सौंपेगा। उनका कहना है कि वे यूक्रेन के संविधान से बंधे हैं और देश की अखंडता से समझौता नहीं कर सकते।

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