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ट्रंप के दावे पर पाकिस्तान ने किया खुलासा, इशाक डार बोले- भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से किया इनकार

ट्रंप के दावे पर पाकिस्तान ने किया खुलासा, इशाक डार बोले- भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से किया इनकार

पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका के माध्यम से युद्धविराम प्रस्ताव आया, लेकिन भारत ने इसे ठुकरा दिया। इशाक डार ने कहा कि व्यापक वार्ता और दोनों पक्षों की सहमति आवश्यक है।

India-PAK: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यह दावे सुर्खियों में आए थे कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम के लिए मध्यस्थता करने की कोशिश की थी। लेकिन अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने इस दावे की पोल खोल दी है। उन्होंने साफ कहा कि अमेरिका के माध्यम से युद्धविराम का प्रस्ताव आया था, लेकिन भारत ने इसे स्वीकार नहीं किया।

इशाक डार ने बताया कि पाकिस्तान हमेशा से भारत से बातचीत करने के लिए तैयार रहा है और यह अमेरिका के जरिए भी कई बार कोशिश की गई। लेकिन भारत ने इसे हमेशा द्विपक्षीय मामला बताया और किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी से इनकार किया।

अमेरिका की भूमिका और ट्रंप के दावे

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुलासा किया कि 10 मई को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान को आश्वासन दिया था कि जल्द ही भारत और पाकिस्तान के बीच किसी सुरक्षित स्थान पर वार्ता होगी। इसके बाद 25 जुलाई को वाशिंगटन में उनकी फिर से मुलाकात हुई, लेकिन तब उन्हें बताया गया कि भारत ने मध्यस्थता को अस्वीकार कर दिया।

इस पर डार ने कहा कि पाकिस्तान को मध्यस्थता से कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन भारत हमेशा इसे द्विपक्षीय मामला मानता रहा। उन्होंने बताया कि ट्रंप और अमेरिका के प्रयासों के बावजूद भारत ने किसी तीसरे पक्ष को वार्ता में शामिल नहीं होने दिया।

पाकिस्तान की पहल 

इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा भारत से बातचीत की पहल की है। उनका मानना है कि बातचीत ही दोनों देशों के लिए स्थायी समाधान का रास्ता है। उन्होंने कहा कि बातचीत केवल सीमित मुद्दों तक नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था, जम्मू-कश्मीर और अन्य महत्वपूर्ण विषय शामिल होने चाहिए।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी चीज़ की भीख नहीं मांग रहा है, बल्कि वे एक शांतिप्रिय देश हैं और बातचीत का स्वागत करते हैं। लेकिन यह तभी संभव है जब भारत भी इसके लिए तैयार हो।

भारत की चुप्पी 

डार ने यह भी बताया कि भारत की ओर से लगातार मध्यस्थता का इनकार और द्विपक्षीय बातचीत पर जोर डालने से पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि यदि भारत वार्ता के लिए तैयार नहीं होता, तो किसी भी प्रकार की मध्यस्थता या शांति प्रयास सफल नहीं हो सकते।

वार्ता के लिए पाकिस्तान की शर्तें

पाकिस्तान की ओर से स्पष्ट किया गया है कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन इसे व्यापक स्तर पर होना चाहिए। केवल सीमित मुद्दों पर चर्चा करना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दों को भी वार्ता में शामिल करना आवश्यक है।

डार ने यह भी बताया कि पाकिस्तान किसी भी तरह का दबाव नहीं चाहता, बल्कि दोनों देशों की सहमति से बातचीत होनी चाहिए। उनका मानना है कि जब तक दोनों पक्ष वार्ता के लिए तैयार नहीं होंगे, कोई समाधान नहीं निकलेगा।

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