अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस का महत्वाकांक्षी मिशन ब्लू घोस्ट मिशन 1 चंद्रमा पर उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह ऐतिहासिक लैंडिंग आज, 2 मार्च को होने जा रही हैं।
नई दिल्ली: अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी फायरफ्लाई एयरोस्पेस का महत्वाकांक्षी मिशन ब्लू घोस्ट मिशन 1 चंद्रमा पर उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह ऐतिहासिक लैंडिंग आज, 2 मार्च को होने जा रही है। इससे पहले, लैंडर ने चंद्रमा से लगभग 100 किलोमीटर की ऊंचाई से कुछ अभूतपूर्व तस्वीरें भेजी हैं, जिनसे इस मिशन के प्रति अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की उत्सुकता और बढ़ गई है। फायरफ्लाई ने इन तस्वीरों को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया है, जिससे वैज्ञानिकों और आम जनता में उत्साह का संचार हुआ हैं।
चंद्रमा पर उतरने वाला दूसरा निजी लैंडर बनने की ओर
यदि ब्लू घोस्ट लैंडर सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर उतर जाता है, तो यह चंद्रमा पर उतरने वाला दूसरा निजी लैंडर बन जाएगा। इस मिशन के तहत लैंडर को अमेरिकी समयानुसार रविवार सुबह 3:34 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरना है। इसकी लैंडिंग का संभावित स्थान मॉन्स लैट्रेइल क्षेत्र है। यह मिशन नासा के सहयोग से संचालित किया जा रहा है और इससे चंद्रमा की सतह, वहां की जलवायु और अन्य वैज्ञानिक तथ्यों के अध्ययन में सहायता मिलेगी।
स्पेसएक्स के फाल्कन 9 से हुआ था प्रक्षेपण

15 जनवरी 2024 को इस लैंडर को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। इस लॉन्च के दौरान जापान की एक निजी कंपनी का लैंडर भी अंतरिक्ष में भेजा गया था, जो मई 2024 में चंद्रमा पर उतरने का प्रयास करेगा। ब्लू घोस्ट मिशन को "घोस्ट राइडर्स इन द स्काई" के रूप में प्रसिद्ध किया गया है।
ब्लू घोस्ट मिशन की खासियतें
ब्लू घोस्ट लैंडर अपने साथ 10 वैज्ञानिक उपकरण ले गया है
चंद्र मिट्टी के परीक्षण के लिए विश्लेषण उपकरण
विकिरण-सहिष्णु कंप्यूटर प्रणाली
चंद्रमा पर नेविगेशन हेतु वैश्विक उपग्रह प्रणाली
ब्लू घोस्ट को पूर्ण चंद्र दिवस के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है। चंद्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। इस कारण, 14 मार्च को होने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण की यह उच्च-गुणवत्ता वाली तस्वीरें खींच सकता है। साथ ही, 16 मार्च को यह चंद्रमा पर सूर्यास्त की अद्भुत झलक भी रिकॉर्ड करेगा।
सौर हवाओं का अध्ययन करेगा ब्लू घोस्ट

ब्लू घोस्ट लैंडर को मैरे क्रिसियम क्षेत्र के पास समतल सतह पर उतारा जाएगा। यह मिशन नासा के कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज प्रोग्राम का हिस्सा है। इस मिशन के तहत चंद्रमा की संरचना, सौर हवाओं, मिट्टी और अन्य महत्वपूर्ण डेटा का विश्लेषण किया जाएगा। ब्लू घोस्ट के बाद 6 मार्च 2024 को इंट्यूटिव मशीन्स का आईएम-2 मिशन भी चंद्रमा पर पहुंचेगा। इस मिशन का लैंडर एथेना चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। इन मिशनों से वैज्ञानिकों को चंद्रमा की बेहतर समझ मिलेगी और भविष्य के मानव मिशनों की राह को और आसान बनाया जा सकेगा।













