कोलकाता स्थित विक्रम सोलर 19 अगस्त 2025 को ₹1,500 करोड़ के फ्रेश इश्यू और 1.7 करोड़ शेयरों के OFS के साथ आईपीओ लॉन्च कर रही है। कंपनी का राजस्व और मुनाफा दोनों बढ़े हैं, और वह सोलर मॉड्यूल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए फंड का इस्तेमाल करेगी। आईपीओ का अलॉटमेंट 22 अगस्त और लिस्टिंग 26 अगस्त को होगी।
Vikram Solar IPO: सौर ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी विक्रम सोलर 19 अगस्त से अपना IPO खोल रही है, जिसमें ₹1,500 करोड़ के नए शेयर और 1.7 करोड़ शेयरों का OFS शामिल है। आईपीओ का अलॉटमेंट 22 अगस्त और लिस्टिंग 26 अगस्त को होगा। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन मजबूत है, FY25 में मुनाफा 139.8 करोड़ रुपये और राजस्व ₹3,423.5 करोड़ रहा। IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग उत्पादन क्षमता बढ़ाने और विस्तार योजनाओं में किया जाएगा।
IPO से जुटाए गए फंड का उपयोग
विक्रम सोलर के IPO से प्राप्त धन का मुख्य उपयोग विस्तार योजनाओं और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में किया जाएगा। कंपनी ने बताया कि ₹769.7 करोड़ का उपयोग तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में 3,000 मेगावाट की सोलर सेल और 3,000 मेगावाट की सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी बनाने के लिए किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त ₹595.2 करोड़ का इस्तेमाल फेज-II के तहत मौजूदा मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को दोगुना करने में किया जाएगा। बाकी का पैसा सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों और संचालन खर्च के लिए रखा जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निवेश कंपनी की लंबी अवधि की ग्रोथ रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कंपनी की वर्तमान उत्पादन क्षमता और विस्तार योजनाएं
विक्रम सोलर के पास कोलकाता और चेन्नई में दो यूनिट्स में कुल 4.50 GW की सोलर पीवी मॉड्यूल उत्पादन क्षमता है। कंपनी की योजना वित्तीय वर्ष 2026 तक इस क्षमता को 15.50 GW और वित्तीय वर्ष 2027 तक 20.50 GW तक बढ़ाने की है।
इस विस्तार योजना के जरिए विक्रम सोलर देश में सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी और बाजार हिस्सेदारी में मजबूती लाना चाहती है। विशेषज्ञों के अनुसार, कंपनी की यह योजना भारतीय सोलर सेक्टर में महत्वपूर्ण निवेश और रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी।
वित्तीय प्रदर्शन: मजबूत ग्रोथ का संकेत
विक्रम सोलर का वित्तीय प्रदर्शन हाल के वर्षों में मजबूत रहा है। वित्तीय वर्ष 2025 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा ₹139.8 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष के ₹79.7 करोड़ से 75.4% अधिक है। इसी अवधि में कंपनी का राजस्व 36.3% बढ़कर ₹3,423.5 करोड़ हो गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के वित्तीय आंकड़े दर्शाते हैं कि कंपनी की आर्थिक स्थिति स्थिर है और भविष्य में सौर ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार के लिए मजबूत नींव रखी है।