Google के खिलाफ यूरोपीय कमीशन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अपमानजनक ऑनलाइन विज्ञापन प्रथाओं के कारण कंपनी पर लगभग 3.5 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है। यह भारतीय रुपए में लगभग 3,08,59,10,87,700 रुपए के बराबर है।
ब्रुसेल्स: तकनीकी दिग्गज Google के लिए यूरोप से बड़ी चुनौती आई है। यूरोपीय आयोग ने ऑनलाइन विज्ञापन प्रथाओं में वरीयता देने और प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने के आरोपों के तहत Google पर करीब 3.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया है। भारतीय रुपये में यह राशि लगभग 3,08,59,10,87,700 रुपये बनती है। यूरोपीय आयोग का मुख्यालय ब्रुसेल्स, बेल्जियम में स्थित है और यह निर्णय तकनीकी और विज्ञापन उद्योग में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
जुर्माने के पीछे की वजह
यूरोपीय आयोग का कहना है कि Google ने अपनी एडवरटाइजिंग तकनीक में ऐसी प्रथाओं को अपनाया, जिससे कंपनी खुद को वरीयता दे रही थी और अन्य व्यवसायों की प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर रही थी। आयोग ने Google को आदेश दिया है कि वह इन वरीयता देने वाली प्रथाओं को खत्म करे और विज्ञापन टेक्नोलॉजी सप्लाई चेन में हितों के टकराव से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
इसके अलावा, नियामकों ने पहले Google को संभावित विनिवेश (business divestiture) की धमकी दी थी, लेकिन फिलहाल इस कदम को टाल दिया गया है। इस निर्णय के अनुसार, कंपनी को अपने कुछ व्यवसायिक हिस्सों को बेचना पड़ सकता है, हालांकि अभी इस पर कोई ठोस आदेश नहीं दिया गया है।
मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय आयोग पर जताई नाराजगी
इस कार्रवाई के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय आयोग पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका और अन्य देशों के साथ व्यापार समझौते तो अच्छे चल रहे हैं, लेकिन यूरोपीय संघ की इस कार्रवाई से बड़ी अमेरिकी कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ट्रंप के मुताबिक, Google सहित अमेरिकी कंपनियों के साथ हो रही ऐसी कार्रवाई से व्यापारिक माहौल पर असर पड़ता है।
Google ने जुर्माने को अनुचित बताया है और कहा है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा। कंपनी के वैश्विक नियामक मामलों के प्रमुख, ली-ऐनी मुलहोलैंड ने कहा, यह एक अनुचित जुर्माना है। ऐसे बदलाव छोटे और मझोले व्यवसायों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे उनकी आय में कमी आएगी। हम इसे चुनौती देंगे।