Pune

AI ने रचा मेडिकल इतिहास: 20 साल से संतान के लिए तरस रही महिला बनी मां, STAR टेक्नोलॉजी ने बदली किस्मत

AI ने रचा मेडिकल इतिहास: 20 साल से संतान के लिए तरस रही महिला बनी मां, STAR टेक्नोलॉजी ने बदली किस्मत

न्यूयॉर्क के एक दंपति को 20 साल बाद संतान सुख मिला, जिसमें Columbia University द्वारा विकसित AI टूल STAR ने मदद की। यह टूल सीमेन सैंपल में सूक्ष्म शुक्राणु खोज निकालता है।

Sperm Track and Recovery: टेक्नोलॉजी जब इंसानी जज़्बे और उम्मीद से मिलती है, तो चमत्कार होते हैं। न्यूयॉर्क के एक दंपति की कहानी इसका ताज़ा उदाहरण है, जिन्होंने करीब 20 साल तक संतान पाने के लिए संघर्ष किया, 15 बार IVF ट्रीटमेंट करवाया, दुनियाभर के डॉक्टरों से सलाह ली लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी। पर जब उम्मीद की आखिरी किरण भी बुझने लगी, तब AI टेक्नोलॉजी ने उनके जीवन में चमत्कार कर दिया।

Columbia University में तैयार किए गए एक AI-आधारित फर्टिलिटी टूल STAR (Sperm Track and Recovery) ने वह कर दिखाया जो मानव विशेषज्ञ और पारंपरिक तकनीकें नहीं कर सकीं। इस टूल की मदद से दंपति के सीमेन सैंपल में छिपे हुए 44 जीवित शुक्राणु ढूंढ निकाले गए और उसी से सफल IVF कर उनकी संतान की उम्मीद साकार हो गई।

क्या है STAR और कैसे करता है ये AI टूल काम?

STAR (Sperm Track and Recovery) एक उन्नत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम है जिसे विशेष रूप से Azoospermia से ग्रस्त पुरुषों के सीमेन में छिपे जीवित शुक्राणुओं की पहचान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उन केस में उपयोगी होता है जहां पारंपरिक लैब तकनीशियन को महीनों की मेहनत के बावजूद कोई स्पर्म नहीं दिखता।

इसकी कार्यप्रणाली इस प्रकार है:

  • माइक्रोफ्लुइडिक चिप्स सीमेन सैंपल में मौजूद विभिन्न तत्वों को अलग करती है।
  • हाई-स्पीड इमेजिंग सिस्टम सेकंड्स में लाखों सूक्ष्म फ्रेम रिकॉर्ड करता है।
  • AI एल्गोरिदम हर फ्रेम को स्कैन करके उन शुक्राणुओं की पहचान करता है जो अन्यथा अदृश्य रहते हैं।
  • AI स्पर्म को इतने नाजुक तरीके से अलग करता है कि उनका उपयोग IVF में सफलतापूर्वक किया जा सके।

जब 15 बार IVF फेल हो गया, तब STAR ने रचा इतिहास

इस दंपति के केस में, पति को Azoospermia नाम की स्थिति थी, जिसमें सीमेन में कोई स्पर्म नहीं पाया जाता। दो दिन तक लैब तकनीशियन सैंपल में एक भी जीवित स्पर्म नहीं खोज पाए। लेकिन STAR ने मात्र एक घंटे में 44 जीवित शुक्राणु ढूंढ निकाले।

इसके बाद मार्च 2025 में बिना किसी अतिरिक्त सर्जरी या हार्मोनल ट्रीटमेंट के IVF प्रक्रिया की गई, और वह सफल रही। अब यह दंपति अपने पहले बच्चे के जन्म का इंतजार कर रहा है। यह न केवल उनके लिए, बल्कि उन लाखों दंपतियों के लिए उम्मीद की नई सुबह है, जो सालों से बांझपन से जूझ रहे हैं।

Azoospermia क्या है? पुरुषों में छुपा बांझपन का कारण

इस केस में पति को Azoospermia था — एक ऐसी स्थिति जिसमें पुरुष के सीमेन में कोई भी शुक्राणु मौजूद नहीं होता। Azoospermia दो प्रकार की होती है:

  1. Obstructive Azoospermia – शरीर में शुक्राणु बनते हैं लेकिन किसी ब्लॉकेज के कारण बाहर नहीं आ पाते।
  2. Non-obstructive Azoospermia – शरीर में शुक्राणु बनते ही नहीं या बहुत कम मात्रा में बनते हैं।

इसके कारण हो सकते हैं:

  • आनुवांशिक विकार
  • कैंसर का इलाज (कीमोथेरेपी/रेडिएशन)
  • हार्मोन असंतुलन
  • अत्यधिक शराब या ड्रग्स का सेवन
  • जन्मजात शारीरिक संरचना में गड़बड़ी

AI तकनीक कैसे बदल सकता है फर्टिलिटी ट्रीटमेंट का भविष्य?

STAR सिर्फ शुरुआत है। आने वाले वर्षों में AI फर्टिलिटी सेक्टर में कई क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है:

  • बेहतर गुणवत्ता वाले एग और एम्ब्रायो की पहचान: जिससे IVF की सफलता की संभावना बढ़ेगी।
  • ट्रीटमेंट की पर्सनलाइज्ड योजना: मरीज के हिसाब से सही इलाज की सटीक दिशा तय हो सकेगी।
  • प्रजनन ऊतकों में सूक्ष्म दोषों की पहचान: जिससे इलाज पहले से ज्यादा सटीक हो सकेगा।
  • IVF सफलता की भविष्यवाणी: जिससे मरीज को मानसिक तैयारी में भी मदद मिलेगी।

टेक्नोलॉजी की मानवता से मुलाकात

यह कहानी केवल मेडिकल साइंस या AI की उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उस अदम्य मानव भावना की कहानी है जो उम्मीद के आखिरी छोर तक लड़ती है। जब टेक्नोलॉजी उस भावना का साथ देती है, तब असंभव भी संभव हो जाता है।

Leave a comment