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AI से बदलेगा Gmail का भविष्य: Google ला रहा है स्मार्ट ई-मेल असिस्टेंट, हर काम होगा आसान

AI से बदलेगा Gmail का भविष्य: Google ला रहा है स्मार्ट ई-मेल असिस्टेंट, हर काम होगा आसान

गूगल जल्द ही Gmail में एक नया AI टूल लाने जा रहा है जो यूजर्स के लिए मेल लिखने, रिप्लाई करने, शेड्यूल करने और प्राथमिकता तय करने जैसे काम खुद करेगा। यह टूल यूजर की आवाज और स्टाइल को समझकर काम करेगा। गूगल का लक्ष्य है एक ऐसा यूनिवर्सल AI असिस्टेंट बनाना जो लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बना सके।

गूगल एक बार फिर टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति लाने जा रहा है। कंपनी अपने सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले प्लेटफॉर्म Gmail को एक नए और स्मार्ट रूप में पेश करने की तैयारी कर रही है। गूगल के अनुसार, आने वाले समय में Gmail सिर्फ ई-मेल भेजने और प्राप्त करने का माध्यम नहीं रहेगा, बल्कि यह एक बुद्धिमान, व्यक्तिगत सहायक के रूप में काम करेगा। इसकी कमान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को दी जाएगी जो यूजर के कई जरूरी काम खुद संभालेगा।

क्या है Gmail का नया AI टूल?

गूगल की AI कंपनी DeepMind के सीईओ डेमिस हसाबिस ने हाल ही में एक ग्लोबल टेक इवेंट SXSW फेस्टिवल में इस AI टूल की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि गूगल अब एक ऐसा एआई-संचालित ईमेल सिस्टम बना रहा है जो यूज़र के रूटीन ईमेल व्यवहार को समझेगा और उसी के अनुसार काम करेगा।

यह सिस्टम सिर्फ सुझाव नहीं देगा, बल्कि यूज़र की ओर से खुद ईमेल तैयार करेगा, भेजेगा और जरूरी मेल्स का जवाब देगा। मतलब, आपका डिजिटल सहायक अब Gmail में पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा।

क्या-क्या कर सकेगा नया Gmail AI?

गूगल का यह नया AI टूल यूजर की जिंदगी को आसान बनाने के लिए कई कामों को खुद करेगा, जैसे:

  • मेल ऑटो-राइटिंग: अब आपको किसी मीटिंग के लिए मेल टाइप करने की जरूरत नहीं। AI आपकी टोन और स्टाइल को समझते हुए खुद ई-मेल तैयार कर देगा।
  • स्मार्ट रिप्लाई: जो मेल जरूरी हैं, उनमें AI खुद से सुझाव देगा या रिप्लाई भी कर सकेगा।
  • मेल सॉर्टिंग और प्राथमिकता तय करना: कौन सी मेल पहले पढ़नी है और कौन सी बाद में, इसका फैसला AI करेगा ताकि आप जरूरी बातों को पहले निपटा सकें।
  • शेड्यूलिंग और कैलेंडर इंटीग्रेशन: Gmail अब आपके शेड्यूल के अनुसार मेल भेजने, प्राप्त करने और उन्हें ऑर्गनाइज करने में भी मदद करेगा।

आवाज में मेल रिप्लाई करने की सुविधा

इस नई AI प्रणाली की एक बड़ी खासियत यह होगी कि यह यूजर की आवाज और लिखने के अंदाज़ को सीखकर, उसकी तरह मेल लिखेगा। यानी यदि कोई मेल आपकी ओर से गया है, तो वह आपकी भाषा, आपकी सोच और आपके काम करने के तरीके से मेल खाएगा। इससे मेल्स ज्यादा पर्सनल और प्रामाणिक लगेंगे।

गूगल का दीर्घकालिक लक्ष्य: एक यूनिवर्सल AI असिस्टेंट

डेमिस हसाबिस ने कहा कि उनका सपना है एक ऐसा यूनिवर्सल AI असिस्टेंट बनाना जो यूजर को गहराई से समझे। यह सिर्फ ई-मेल तक सीमित नहीं होगा, बल्कि आपकी रोजमर्रा की जिंदगी में निर्णय लेने से लेकर योजना बनाने और काम को अंजाम देने तक में मदद करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि गूगल एक एडवांस Artificial General Intelligence (AGI) पर काम कर रहा है जो इंसानों जैसी सूझबूझ रखेगा और अपने फैसले खुद ले सकेगा।

हालांकि, इस AI सिस्टम को पूरी तरह तैयार होने में अभी 5 से 10 साल का समय लग सकता है, लेकिन इसका आधार अभी से तैयार किया जा रहा है और Gmail में इसका पहला रूप जल्द दिखेगा।

Google I/O 2025 में झलक दिखा चुके हैं Gemini AI के फीचर्स

गूगल ने इस साल आयोजित Google I/O 2025 में अपने Gemini AI प्लेटफॉर्म के कई नए और प्रभावशाली फीचर्स पेश किए थे। इनमें से कुछ फीचर्स Gmail में भी शामिल किए जाएंगे। Gemini AI अब टेक्स्ट से वीडियो बना सकता है, यानी आप जो भी लिखेंगे, उस पर आधारित रीयलिस्टिक वीडियो तैयार किया जा सकता है।

Veo3 जैसे टूल्स की मदद से यूजर्स अपने विचारों को वीडियो फॉर्म में बदल सकेंगे, चाहे वह किसी कहानी पर आधारित हो या किसी कॉर्पोरेट प्रेजेंटेशन का हिस्सा। इसके अलावा Deep Research जैसे फीचर से यूजर्स को जटिल जानकारी और आंकड़ों को गहराई से समझने में भी मदद मिलेगी।

करोड़ों यूजर्स को होगा सीधा फायदा

गूगल के मुताबिक, इन नए AI फीचर्स से दुनियाभर के करोड़ों Gmail यूजर्स को फायदा होगा। जो लोग डेली बेसिस पर दर्जनों ई-मेल्स से जूझते हैं, उनके लिए यह टूल एक बड़ा राहत देने वाला कदम साबित होगा। इससे न सिर्फ समय बचेगा, बल्कि मानसिक थकान भी कम होगी और यूजर अपने ज्यादा जरूरी और रचनात्मक कामों पर ध्यान दे पाएंगे।

डेटा प्राइवेसी पर गूगल का फोकस

जहां AI का इस्तेमाल होता है, वहां डेटा प्राइवेसी भी एक बड़ा सवाल बनकर सामने आता है। गूगल ने इस विषय पर भी ध्यान देते हुए कहा है कि नया AI सिस्टम पूरी तरह से सिक्योर और प्राइवेसी-केंद्रित होगा। यूजर्स के डेटा को बिना अनुमति के कहीं भी शेयर नहीं किया जाएगा, और AI केवल उस जानकारी पर काम करेगा जिसे यूजर ने एक्सेस की अनुमति दी होगी।

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