AI चैटबॉट्स जैसे ChatGPT का इस्तेमाल बढ़ रहा है, लेकिन साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि प्लेटफॉर्म पर निजी और संवेदनशील जानकारी साझा करना खतरनाक हो सकता है। पासवर्ड, मेडिकल रिकॉर्ड, पहचान पत्र या अन्य दस्तावेज़ सुरक्षित स्टोरेज में रखें और कभी भी AI चैटबॉट पर साझा न करें, अन्यथा धोखाधड़ी या पहचान चोरी का खतरा बढ़ सकता है।
AI Security Alert: हाल के समय में ChatGPT और अन्य AI चैटबॉट्स का उपयोग भारत और दुनिया भर में रोज़मर्रा के कामों में बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर निजी जानकारी साझा करना जोखिम भरा है। पूरी पहचान, पासवर्ड, स्वास्थ्य डेटा और संवेदनशील दस्तावेज़ जैसे पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस कभी भी AI चैटबॉट पर न साझा करें। यह सुरक्षा खतरे को न्योता देता है और फिशिंग, ट्रैकिंग या धोखाधड़ी जैसी घटनाओं का कारण बन सकता है। सुरक्षा नियमों का पालन करना हर उपयोगकर्ता के लिए जरूरी है।
AI प्लेटफॉर्म पर निजी जानकारी साझा करने से खतरा
चैटजीपीटी और अन्य AI चैटबॉट अब रोज़मर्रा के कामों का हिस्सा बन चुके हैं। ये सवालों के जवाब देने, ईमेल तैयार करने और बातचीत में इमोशनल सपोर्ट देने में मदद करते हैं। इंसानों जैसी प्रतिक्रिया देने के कारण लोग इन्हें भरोसेमंद मानते हैं।
लेकिन साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि AI पर संवेदनशील जानकारी साझा करना जोखिम भरा हो सकता है। पूरा नाम, घर का पता, ईमेल या फोन नंबर कभी भी प्लेटफॉर्म पर न डालें। एक बार यह डेटा लीक हो गया तो इसका इस्तेमाल फिशिंग, धोखाधड़ी या ट्रैकिंग के लिए किया जा सकता है।
पासवर्ड और मेडिकल जानकारी पर नियंत्रण
विशेषज्ञों के अनुसार पासवर्ड केवल सुरक्षित पासवर्ड मैनेजर में ही सेव करें, AI चैट में नहीं। इसके अलावा, स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी भी साझा करने से बचें। लोग लक्षण या दवाओं के बारे में AI से सलाह लेने लगते हैं, लेकिन यह अधिकृत मेडिकल स्रोत नहीं है। किसी भी मेडिकल रिकॉर्ड या बीमा डिटेल्स का खुलासा आपकी सुरक्षा के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है।
पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या फोटो जैसे दस्तावेज़ कभी भी चैटबॉट पर अपलोड न करें। भले ही आप उन्हें डिलीट कर दें, उनका डिजिटल रिकॉर्ड प्लेटफॉर्म पर रह सकता है, जिसका इस्तेमाल हैकर्स कर सकते हैं। ऐसे दस्तावेज़ हमेशा ऑफलाइन और एन्क्रिप्टेड स्टोरेज में रखें।