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AIMIM प्रमुख ओवैसी का आरोप: केंद्र सरकार हड़प रही है वक्फ जमीन, सुप्रीम कोर्ट से जल्द चाहिए अंतिम फैसला

AIMIM प्रमुख ओवैसी का आरोप: केंद्र सरकार हड़प रही है वक्फ जमीन, सुप्रीम कोर्ट से जल्द चाहिए अंतिम फैसला

असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती दी है। साथ ही अंतिम फैसला जल्द लेने की अपील की।

New Delhi: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया अंतरिम आदेश को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह से रोक नहीं लगाई है और इस अधिनियम के पूरे मामले पर जल्द से जल्द अंतिम फैसला होना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोर्ट शीघ्र सुनवाई पूरी करेगा और न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा।

केंद्र सरकार पर आरोप 

ओवैसी ने केंद्र सरकार से उन लोगों का डाटा मांगा है जिन्होंने धर्म बदलकर वक्फ को जमीन दी। उनका कहना है कि बीजेपी सरकार वक्फ की जमीनें हड़पने के लिए इस अधिनियम का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले में अंतिम निर्णय जल्दी लिया जाए ताकि वक्फ की संपत्तियों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके।

सर्वेक्षण का अधिकार

ओवैसी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कलेक्टर की जांच के प्रावधान पर रोक लगाई है, लेकिन कलेक्टर के पास अभी भी सर्वेक्षण करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह कदम वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रिया की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिकारी (CO) की नियुक्ति के लिए कहा था कि यह संभव हो तो मुस्लिम होना चाहिए। लेकिन केंद्र सरकार इस पर बहाना बनाएगी कि योग्य मुस्लिम अधिकारी नहीं मिला। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी पार्टी जो किसी मुस्लिम को सांसद का टिकट नहीं देती और जिसके पास कोई मुस्लिम सांसद नहीं है, वह क्या मुस्लिम अधिकारी नियुक्त करेगी।

इंटेलिजेंस ब्यूरो में मुस्लिम प्रतिनिधित्व

ओवैसी ने इंटेलिजेंस ब्यूरो में मुस्लिम प्रतिनिधित्व को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि कितने मुस्लिम हैं और क्या गैर-मुस्लिम सदस्य वक्फ में नियुक्त होंगे। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 26 के उल्लंघन के समान है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी गैर-सिख को SGPC का सदस्य बनाया जाए, तो सिख समुदाय कैसा महसूस करेगा।

संपत्ति दान और संविधान के अधिकार

ओवैसी ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रावधान पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई है जिसमें व्यक्ति को पांच साल तक मुस्लिम होना जरूरी बताया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म का व्यक्ति दूसरे धर्म को संपत्ति दान करने से रोका नहीं जा सकता। संविधान के अनुच्छेद 300 के अनुसार हर नागरिक अपनी संपत्ति जिसे चाहे दान कर सकता है। फिर केवल इस्लाम धर्म के अनुयायियों के लिए ऐसा विशेष प्रावधान क्यों किया गया।

वक्फ कानून की संवेदनशीलता 

ओवैसी ने जोर देकर कहा कि वक्फ कानून के किसी भी प्रावधान को समुदाय और धार्मिक स्वतंत्रता की भावना का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और समुदाय के अधिकारों की रक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कानून का पालन सभी धर्मों के अधिकारों और संविधान की मूल भावना के अनुरूप हो।

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