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बगराम एयरबेस को लेकर ट्रंप की अफगानिस्तान को चेतावनी, वॉशिंगटन में अपराध नियंत्रण पर जताया गर्व

बगराम एयरबेस को लेकर ट्रंप की अफगानिस्तान को चेतावनी, वॉशिंगटन में अपराध नियंत्रण पर जताया गर्व

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है और कहा है कि यदि तालिबान सरकार बगराम एयरबेस अमेरिका को वापस नहीं करती है, तो बुरी चीजें होंगी।

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि तालिबान सरकार ने बगराम एयरबेस अमेरिका को वापस नहीं किया तो "बुरा अंजाम" भुगतना पड़ सकता है। दूसरी ओर, घरेलू मोर्चे पर ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में अपराध पर काबू पाने को अपनी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया है।

बगराम एयरबेस विवाद: ट्रंप का बयान

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस वापस नहीं करता, जिसे अमेरिका ने बनाया था, तो बुरी चीजें होंगी। उन्होंने कहा कि उनकी मूल योजना यह थी कि अमेरिका अफगानिस्तान से सम्मानजनक ढंग से सेना हटाएगा, लेकिन बगराम एयरबेस को अमेरिकी नियंत्रण में रखेगा। ट्रंप का आरोप है कि पिछले प्रशासन ने यह ठिकाना तालिबान को "मुफ्त में सौंप दिया" और अब इसे वापस पाना जरूरी है।

  • रणनीतिक स्थिति: बगराम एयरबेस अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में चीन और पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित है।
  • अमेरिकी उपस्थिति का प्रतीक: 2001 के बाद यह एयरबेस अमेरिकी सैन्य अभियानों का मुख्य केंद्र रहा।
  • 2021 की वापसी: अमेरिकी सेना की वापसी के बाद यह ठिकाना तालिबान के नियंत्रण में चला गया।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस एयरबेस पर अमेरिकी नियंत्रण लौटाना अमेरिका के लिए रणनीतिक और सुरक्षा दृष्टि से बड़ा कदम हो सकता है।

अमेरिकी कांग्रेस और चीन की प्रतिक्रिया

अफगान मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई अमेरिकी सांसद ट्रंप की इस मांग का समर्थन कर रहे हैं। उनका मानना है कि बगराम पर नियंत्रण से अमेरिका एशिया क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर सकता है। वहीं, चीन ने इस मुद्दे पर सख्त प्रतिक्रिया दी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, अफगानिस्तान की संप्रभुता और स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए। किसी भी देश को क्षेत्र में तनाव भड़काने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

हालांकि तालिबान सरकार ने ट्रंप की टिप्पणी पर सीधे प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन हाल ही में अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने साफ कहा था, अफगानिस्तान की जमीन का एक इंच भी किसी विदेशी सेना के लिए स्वीकार्य नहीं है। दूसरी ओर, रूस ने पहले ही चेतावनी दी है कि अमेरिका यदि दोबारा अफगानिस्तान में सैन्य उपस्थिति स्थापित करने की कोशिश करता है तो इससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है।

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