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Bhadrapada Purnima 2025: तुलसी पूजा से मिल सकता है विष्णु भगवान का आशीर्वाद

Bhadrapada Purnima 2025: तुलसी पूजा से मिल सकता है विष्णु भगवान का आशीर्वाद

भाद्रपद पूर्णिमा 2025 का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। इस दिन तुलसी पूजा और सत्यनारायण व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है, मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जीवन में सुख-शांति व समृद्धि आती है। साथ ही, पितृपक्ष की शुरुआत भी इसी दिन होती है, जिससे धार्मिक अनुष्ठानों का महत्व और बढ़ जाता है।

भाद्रपद पूर्णिमा 2025: साल की छठवीं पूर्णिमा 7 सितंबर, रविवार को पड़ रही है और इस दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक क्रियाओं का महत्व है। इस अवसर पर तुलसी पूजा और सत्यनारायण व्रत करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम 06 बजकर 26 मिनट पर होगा। इस दिन से पितृपक्ष भी शुरू होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी पूजन, मंत्र जाप और रात्रि में भगवान विष्णु को खीर का भोग अर्पित करने से मानसिक शांति और पारिवारिक सुख प्राप्त होता है।

पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

पूर्णिमा का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस दिन व्रत, पूजा, दान और कथा का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्नान करना और दान देना अत्यंत पुण्यकारी होता है। भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और कथा सुनने से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं। विशेष रूप से इस दिन सत्यनारायण व्रत करने से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति बनी रहती है।

भाद्रपद पूर्णिमा पर तुलसी उपाय

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन सुबह तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। पूजा विधि में तुलसी के पौधे में जल अर्पित करना और घी का दीपक जलाना शामिल है। तुलसी की परिक्रमा करें और तुलसी माला से ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से पारिवारिक समस्याओं का समाधान होता है।

रात्रि भोग और सोलह श्रृंगार

पूर्णिमा की रात्रि में भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं और उसमें तुलसी के पत्ते शामिल करें। इससे सुख-शांति और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। तुलसी माता को सोलह श्रृंगार अर्पित करने से सुहाग बना रहता है और परिवार में समृद्धि आती है।

भाद्रपद पूर्णिमा 2025 के ये उपाय न केवल धार्मिक आस्था को सुदृढ़ करते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक संतुलन भी बनाए रखते हैं। यह दिन परिवार और आत्मिक जीवन दोनों के लिए लाभकारी माना जाता है।

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