बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीतिक झटका लगा है। जेडीयू के दिग्गज नेता दसई चौधरी और भुवन पटेल ने पार्टी छोड़कर प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ज्वॉइन कर ली। दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ पटना के शेखपुरा हाउस में आयोजित मिलन समारोह के दौरान शामिल हुए।
Bihar Assembly Elections 2025: पटना में शुक्रवार (05 सितंबर, 2025) को जेडीयू के वरिष्ठ नेता दसई चौधरी और भुवन पटेल ने जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया। यह कदम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ प्रशांत किशोर की पार्टी में शामिल हुए। इस मौके पर जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने शुरुआत में सही दिशा पकड़ी थी, लेकिन अब वह भटक गए हैं।
जन सुराज में शामिल होने के पीछे क्या है बड़ी वजह
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जेडीयू को बड़ा झटका देते हुए वरिष्ठ नेता दसई चौधरी और भुवन पटेल ने जन सुराज पार्टी ज्वॉइन कर ली है। पटना के शेखपुरा हाउस में आयोजित मिलन समारोह में दोनों नेताओं का पार्टी में स्वागत किया गया। इस मौके पर उन्होंने नीतीश कुमार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए प्रशांत किशोर के नेतृत्व को मजबूत विकल्प बताया।
नीतीश कुमार से नाराज़ क्यों हुए दसई चौधरी
दसई चौधरी ने कहा कि वह लंबे समय तक जेडीयू से जुड़े रहे और नीतीश कुमार का हर परिस्थिति में समर्थन किया। उन्होंने याद दिलाया कि जब वह विधायक थे, तब नीतीश राजनीति में शुरुआती दौर में थे। इसके बावजूद, वर्षों की निष्ठा और संघर्ष के बाद भी न तो संगठन में उन्हें अहम स्थान दिया गया और न ही सरकार में कोई जिम्मेदारी सौंपी गई।
उन्होंने साफ किया कि अब उनकी चुनाव लड़ने की कोई इच्छा नहीं है। वह केवल संगठनात्मक काम करने के उद्देश्य से जन सुराज से जुड़े हैं। चौधरी ने बताया कि वे पहले एमएलसी, तीन बार विधायक, सांसद और मंत्री रह चुके हैं, इसलिए व्यक्तिगत पद या लाभ उनकी प्राथमिकता नहीं है।
भुवन पटेल बोले, नीतीश जी जीनियस हैं लेकिन...
भुवन पटेल ने अपने राजनीतिक अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह समता पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे हैं और कई जिलों में संगठन की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्होंने नीतीश कुमार को "जीनियस मुख्यमंत्री" बताते हुए भी यह इशारा किया कि उम्र और स्वास्थ्य के कारण अब उनकी कार्यक्षमता पहले जैसी नहीं रही है।
पटेल का आरोप था कि सरकार असल में नीतीश कुमार के आसपास मौजूद कुछ लोगों द्वारा चलाई जा रही है। उनका मानना है कि प्रशांत किशोर का नेतृत्व बिहार की राजनीति को नई दिशा दे सकता है और यही वजह है कि उन्होंने जन सुराज को चुना।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में बदल सकते हैं समीकरण
दसई चौधरी और भुवन पटेल का जन सुराज में शामिल होना जेडीयू के लिए चुनावी रणनीति को कठिन बना सकता है। दोनों नेताओं का अपने क्षेत्रों में प्रभाव है और उनके समर्थकों का साथ पार्टी को नई ताकत देगा। यह कदम जन सुराज के लिए भी बड़ा मनोबल है, क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले दिग्गज नेताओं का साथ उसे मजबूती प्रदान करेगा।