सारण के दो RJD विधायक चुनाव से पहले दल बदलकर नई पार्टियों में शामिल हुए। छोटेलाल राय JDU और केदारनाथ सिंह BJP में गए। दोनों को नई पार्टियों ने टिकट दिया, जिससे चुनावी राजनीति और तेज़ हो गई।
Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में सियासी रंग बदलने का खेल तेज हो गया है। सारण जिले की परसा और बनियापुर विधानसभा सीट से राजद (RJD) के दो मौजूदा विधायक चुनाव से ठीक पहले अपने दल बदलकर नई पार्टियों में शामिल हो गए। परसा के राजद विधायक छोटेलाल राय ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) का दामन थाम लिया, जबकि बनियापुर के राजद विधायक केदारनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। दोनों विधायकों को उनकी नई पार्टियों ने तुरंत टिकट भी दे दिया। इस घटना ने बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि नेता अक्सर अपने सियासी भविष्य को देखते हुए दल बदलते हैं।
छोटेलाल राय का राजनीतिक सफर
परसा के विधायक छोटेलाल राय की राजनीतिक शुरुआत जदयू से हुई थी। अक्टूबर 2005 में जदयू के टिकट पर विधायक बने और 2010 में भी यही पार्टी उन्हें जीत दिलाई। 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लोजपा का दामन थामा, लेकिन चुनाव हार गए। 2020 के चुनाव से ठीक पहले उन्होंने राजद का हाथ थामकर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
हाल ही में छोटेलाल राय ने अपनी राजनीतिक गियर बदलते हुए पार्टी बदली। सुबह राजद में थे, शाम को जदयू में शामिल हो गए, फिर रात में राजद लौटे और अगले दिन पुनः जदयू में शामिल हो गए। परसा सीट पर इस बार उनकी चुनावी टक्कर पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय की पोती और राजद प्रत्याशी करिश्मा राय से है।
केदारनाथ सिंह का भाजपा में पाला बदलना
बनियापुर के विधायक केदारनाथ सिंह की राजनीतिक शुरुआत भी जदयू से हुई थी। वे अक्टूबर 2005 में मशरक विधानसभा सीट से जदयू के विधायक बने। मशरक सीट विलोपित होने के बाद वे राजद में शामिल हो गए। बनियापुर सीट से राजद के टिकट पर 2010, 2015 और 2020 में विधायक चुने गए।
हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान केदारनाथ सिंह ने राजद से सैद्धांतिक दूरी बना ली थी। इस बार गठबंधन की सीट शेयरिंग में बनियापुर भाजपा के खाते में गया और केदारनाथ ने रातोंरात भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर टिकट झटक लिया। अब उनका मुकाबला राजद की चांदनी देवी से है।
सारण की राजनीति में दलबदल की परंपरा
सारण जिले में ऐसे पल अक्सर देखे जाते हैं जब नेता अपने सियासी भविष्य के हिसाब से दल बदलते हैं। पिछली विधानसभा चुनावों में भी अमनौर सीट के पूर्व जदयू विधायक कृष्ण कुमार सिंह मंटू को रातोंरात भाजपा की सदस्यता दिलाकर टिकट दिया गया और वे जीतकर विधानसभा पहुंचे।
छोटेलाल राय और केदारनाथ सिंह की यह घटना इस जिले में राजनीति के बदलते रंगों और चुनावी रणनीति (electoral strategy) को दर्शाती है। दोनों नेताओं ने अपनी नई जमीन तलाश ली और पार्टी बदलकर अपनी सियासी संभावनाओं को मजबूत किया।
चुनावी मुकाबले की नई तस्वीर
परसा और बनियापुर सीट के मतदाताओं (voters) के लिए इस चुनाव ने और रोमांच पैदा कर दिया है। अब यह देखना चुनौतीपूर्ण होगा कि कौन-सा उम्मीदवार अपनी नई पार्टी में प्रभावी प्रदर्शन करता है। सारण ही नहीं, पूरे बिहार के लोग इस बदलाव को नज़दीक से देख रहे हैं।