वैज्ञानिकों ने बैक्सड्रोस्टैट (Baxdrostat) नाम की नई दवा विकसित की है, जो रेज़िस्टेंट हाइपरटेंशन यानी मुश्किल से कंट्रोल होने वाले हाई BP मरीजों में असरदार पाई गई। रिसर्च में 12 हफ्तों में मरीजों का बीपी 40% तक कम हुआ और कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आया। यह दवा हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाव में भी मददगार साबित हो सकती है।
New Drug Baxdrostat: अमेरिका और यूरोप में हुई एक रिसर्च में बैक्सड्रोस्टैट नामक नई दवा ने हाई ब्लड प्रेशर के इलाज में नई उम्मीद जगाई है। 214 मरीजों पर हुए क्लिनिकल ट्रायल में पाया गया कि जिनका बीपी सामान्य दवाइयों से कंट्रोल नहीं हो रहा था, उनमें इस दवा से 12 हफ्तों में 40% तक गिरावट आई। बैक्सड्रोस्टैट शरीर में एल्डोस्टीरोन हार्मोन को रोककर अतिरिक्त सोडियम बाहर निकालता है, जिससे BP कम होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दवा भविष्य में हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा घटा सकती है। भारत जैसे देशों में जहां हाई BP तेजी से बढ़ रहा है, यह दवा मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है।
क्या है बैक्सड्रोस्टैट?
बैक्सड्रोस्टैट एक नई तरह की दवा है जिसे खासतौर पर उन मरीजों के लिए तैयार किया गया है जिनका BP सामान्य दवाइयों से कंट्रोल नहीं हो पाता। यह दवा शरीर में बनने वाले एक खास हार्मोन एल्डोस्टीरोन को रोकती है। एल्डोस्टीरोन शरीर में सोडियम और पानी की मात्रा बढ़ाता है जिससे ब्लड प्रेशर ऊपर चला जाता है। बैक्सड्रोस्टैट इस हार्मोन की गतिविधि को दबा देता है और शरीर से अतिरिक्त सोडियम बाहर निकल जाता है। इस प्रक्रिया से BP अपने आप कम होने लगता है।
रिसर्च में क्या सामने आया?
अमेरिका और यूरोप में किए गए क्लिनिकल ट्रायल्स में इस दवा का परीक्षण 214 मरीजों पर किया गया। ये वे मरीज थे जिनका BP सामान्य दवाओं से भी नियंत्रित नहीं हो रहा था। उन्हें 12 हफ्तों तक बैक्सड्रोस्टैट दी गई। नतीजा चौंकाने वाला रहा। 12 हफ्तों के भीतर इन मरीजों का ब्लड प्रेशर करीब 40 प्रतिशत तक कम हो गया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि इस दवा से किसी भी तरह के गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आए।
क्यों खतरनाक है हाई BP?
हाई ब्लड प्रेशर को अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है। शुरुआती दौर में इसके लक्षण ज्यादा दिखाई नहीं देते। लेकिन लंबे समय तक अगर BP कंट्रोल न हो तो यह दिल की धमनियों को कमजोर कर देता है। नतीजतन मरीज को हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर और आंखों की रोशनी कमजोर होने जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। यही वजह है कि बीपी को समय रहते नियंत्रित करना बेहद जरूरी है।
हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाव
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते BP को कम कर लिया जाए तो हार्ट और ब्रेन से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है। बैक्सड्रोस्टैट के शुरुआती नतीजों से यह उम्मीद बढ़ी है कि भविष्य में इस दवा की मदद से हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों में कमी लाई जा सकती है।
भारत में क्यों है इसकी जरूरत?
भारत जैसे देशों में हाई BP एक तेजी से बढ़ती समस्या है। लाखों लोग इसकी दवा खाते हैं लेकिन फिर भी उनका BP काबू में नहीं आता। कई लोग तो इलाज ही नहीं कराते और लंबे समय तक इस समस्या को नजरअंदाज करते रहते हैं। इसका नतीजा गंभीर बीमारियों के रूप में सामने आता है। ऐसे में बैक्सड्रोस्टैट जैसी नई दवा यहां के मरीजों के लिए किसी राहत से कम नहीं हो सकती।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दवा खासतौर पर उन लोगों के लिए मददगार होगी जिनके लिए अब तक की दवाइयां असरदार साबित नहीं हुईं। इस दवा से BP नियंत्रित होगा और साथ ही दिल, दिमाग और किडनी जैसे अहम अंगों पर पड़ने वाला दबाव भी कम होगा।
आम लोगों तक कब पहुंचेगी यह दवा?
फिलहाल बैक्सड्रोस्टैट का इस्तेमाल सीमित स्तर पर क्लिनिकल ट्रायल्स में हो रहा है। बड़ी संख्या में मरीजों तक पहुंचाने के लिए इसे और अधिक परीक्षण और नियामकीय मंजूरी की जरूरत होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले कुछ सालों में यह दवा बाजार में उपलब्ध हो सकती है। तब जाकर मरीज इसका लाभ उठा पाएंगे।