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ब्रेंडन लिंच पहुंचे भारत, अमेरिका-भारत ट्रेड डील को नई दिशा देने के लिए शुरू हुई बैठक

ब्रेंडन लिंच पहुंचे भारत, अमेरिका-भारत ट्रेड डील को नई दिशा देने के लिए शुरू हुई बैठक

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी प्रमुख वार्ताकार ब्रेंडन लिंच सोमवार देर रात दिल्ली पहुंचे। वे अमेरिका की टीम का नेतृत्व करेंगे और भारत-US ट्रेड डील के उलझे मुद्दों को सुलझाने में मदद करेंगे। लिंच अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि हैं और उनके जिम्मे करीब 15 देशों की ट्रेड पॉलिसी की देखरेख है।

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच रुकी हुई ट्रेड डील को लेकर सोमवार को नई दिल्ली में महत्वपूर्ण बातचीत होने जा रही है। अमेरिकी टीम का नेतृत्व ब्रेंडन लिंच करेंगे, जो अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि हैं और 15 देशों के लिए यूएस ट्रेड पॉलिसी की निगरानी करते हैं। यह बैठक ट्रंप द्वारा लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ के बाद पहली बार हो रही है, जिसमें केवल व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा होगी। बातचीत का उद्देश्य भारत-US व्यापार समझौते को आगे बढ़ाना और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है।

ब्रेंडन लिंच कौन हैं?

ब्रेंडन लिंच अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) हैं और भारत-यूएस ट्रेड डील में अमेरिका की ओर से प्रमुख वार्ताकार के रूप में बैठक का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने बोस्टन कॉलेज से पढ़ाई पूरी की और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री हासिल की। आर्थिक मामलों में विशेषज्ञता रखने वाले लिंच ने 2013 में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय के कृषि विभाग में काम करना शुरू किया।

लिंच ने अपने करियर में साउथ और मिडिल एशिया, इजराइल, मेक्सिको, कनाडा और रूस जैसे देशों के साथ व्यापारिक समझौतों में अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान में उनके जिम्मे करीब 15 देशों के लिए अमेरिकी व्यापार नीति और उसके क्रियान्वयन की देखरेख करना शामिल है। इसके अलावा वे भारत-अमेरिका ट्रेड पॉलिसी फोरम को भी मैनेज कर रहे हैं।

ट्रंप का टैरिफ और वार्ता पर असर

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौते की छठी बैठक से पहले ही अमेरिका ने भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था। पहले से लागू 25 प्रतिशत टैरिफ को बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। इस कदम से दोनों देशों के बीच चल रही व्यापारिक वार्ता पर ब्रेक लग गया और अगस्त के अंत में प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर औपचारिक चर्चा टल गई। इसके कारण भारत के अमेरिका निर्यात पर भी असर पड़ा और जुलाई के 8.01 अरब डॉलर से घटकर अगस्त में 6.86 अरब डॉलर रह गया।

हालांकि, हाल के दिनों में ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सोशल मीडिया पर बातचीत और सकारात्मक संकेतों ने उम्मीदें जगाई कि अब दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक समझौते पर चर्चा फिर से शुरू हो सकती है।

ट्रेड डील को लेकर हाल की परिस्थितियां

अमेरिका ने भारत पर टैरिफ बढ़ाने से पहले पांच दौर की वार्ता पूरी की थी। छठे दौर की बैठक से पहले यह कदम उठाया गया, जिससे व्यापारिक समझौते में देरी हुई। जुलाई और अगस्त में निर्यात में आई गिरावट ने भी यह स्पष्ट किया कि समय पर समाधान की आवश्यकता है।

सोशल मीडिया पर ट्रंप और पीएम मोदी के संवाद ने संकेत दिया कि अमेरिका इस बार नरम तेवर अपनाएगा और व्यापारिक मामलों में सकारात्मक दृष्टिकोण रखेगा। ऐसे में ब्रेंडन लिंच की भारत यात्रा इस डील को गति देने की दिशा में अहम साबित हो सकती है।

बैठक का उद्देश्य और फोकस

भारत और अमेरिका के बीच होने वाली यह बैठक केवल व्यापारिक मुद्दों तक सीमित होगी। इसमें भू-राजनीतिक मामलों या किसी अन्य विवादास्पद मुद्दे पर चर्चा नहीं की जाएगी। भारत के मुख्य व्यापार वार्ताकार और वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रुकी हुई ट्रेड डील को आगे बढ़ाना है और व्यापार संबंधों को मजबूत बनाना है।

इस बैठक में मुख्य चर्चा का केंद्र अमेरिकी टैरिफ, निर्यात-आयात नियम और व्यापारिक समझौतों के तकनीकी पहलू होंगे। दोनों पक्षों की सकारात्मक सोच इस बात का संकेत देती है कि वार्ता का माहौल अनुकूल रहेगा।

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