कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि वे पार्टी प्रवक्ता नहीं हैं और इस समय देश के लिए, खासकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर खड़ा होना जरूरी है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्र सरकार की भी प्रशंसा की है।
New Delhi: कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने हाल ही में पार्टी के अंदर चली चर्चा और ‘लक्ष्मण रेखा’ वाली टिप्पणी पर साफ अपना रुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि वे पार्टी के प्रवक्ता नहीं हैं और उनकी प्राथमिकता इस वक्त देश के हित में खड़ा होना है, खासकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर। यह बयान तब आया है जब थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान केंद्र सरकार की तारीफ की थी, जिसके बाद पार्टी के अंदर विवाद खड़ा हो गया था।
क्या है पूरा मामला?
थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर को एक मजबूत संदेश बताया, जो पाकिस्तान और विश्व के लिए अहम है। ऑपरेशन सिंदूर एक ऐसा मिशन था, जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की थी। थरूर ने इस ऑपरेशन की तारीफ की, जिससे पार्टी के भीतर यह आरोप लगे कि उन्होंने ‘लक्ष्मण रेखा’ पार कर दी है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की एक बैठक में भी reportedly यह बात आई कि शशि थरूर ने पार्टी लाइन से हटकर अपनी बातें कहीं हैं। यह चर्चा मीडिया में भी प्रमुखता से आई, जिससे पार्टी में हलचल मची।
थरूर का जवाब: मेरे विचार निजी हैं
तिरुवनंतपुरम में मीडिया से बात करते हुए थरूर ने इस पूरे मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं कि ये ‘लक्ष्मण रेखा’ की बातें कहां से आ रही हैं। जब वे वर्किंग कमेटी की बैठक में थे, तब ऐसी कोई बात नहीं हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि वे पार्टी या सरकार के प्रवक्ता नहीं हैं। जब भी कोई उनसे किसी मामले पर राय मांगता है, तो वे अपने निजी विचार साझा करते हैं, जो एक भारतीय नागरिक के तौर पर होते हैं। उनका मानना है कि देश के हित में वक्त पर सही बात करना जरूरी है, भले ही वह पार्टी की लाइन से थोड़ी अलग हो।
क्या कहती है कांग्रेस?
कांग्रेस के अंदर इस मामले को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ नेताओं ने थरूर की टिप्पणी को अनुशासनहीनता माना, जबकि कुछ ने यह कहा कि नेताओं को देशहित में सोचकर बोलना चाहिए।
हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन वर्किंग कमेटी की बैठक में थरूर के बयानों को लेकर चर्चा जरूर हुई।