दिल्ली में रामलीलाओं की धूम शुरू हो गई है। लाल किले से लेकर द्वारका तक अलग-अलग थीम पर मंच सजे हैं। कहीं ‘ऑपरेशन सिंदूर’, कहीं उत्तराखंड शैली की रामलीला और कहीं डांडिया व बाल रामलीला से पंडाल गूंज रहे हैं।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में रामलीलाओं की गूंज शुरू हो चुकी है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में समितियों ने रामायण की कथा को मंच पर जीवंत किया है। कहीं गणेश पूजा और एकदंत कथा से शुरुआत हुई, तो कहीं आधुनिक तकनीक और अनोखी थीम ने दर्शकों को आकर्षित किया। लाल किले, चिराग दिल्ली, वेस्ट विनोद नगर और द्वारका में आयोजित रामलीलाओं ने धार्मिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक उत्सव का रंग भी बिखेरा।
लाल किले में रामलीला का भव्य आरंभ
लाल किले के माधवदास पार्क में श्री धार्मिक रामलीला समिति ने गणेश वंदना और एकदंत कथा के साथ मंचन की शुरुआत की। इस मौके पर कलाकारों ने श्रवण कुमार की कथा, राम जन्म और रावण तपस्या जैसे प्रसंगों का भव्य मंचन किया। गणेश वंदना के दौरान कलाकारों और पदाधिकारियों ने पूजा-अर्चना में भाग लिया, जिससे दर्शकों का उत्साह और भी बढ़ गया।
रामलीला में पारंपरिक संगीत और संवादों का मिश्रण दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा था। मंच की सजावट और प्रकाश व्यवस्था ने कथा को और जीवंत बना दिया। पहले दिन ही यहां बड़ी संख्या में दर्शक पहुंच गए और पूरे कार्यक्रम का आनंद लिया।
डीडीए पार्क में उत्तराखंड शैली में रामलीला मंचन
वेस्ट विनोद नगर स्थित डीडीए पार्क में कामधेनु रामलीला समिति ने अपनी प्रस्तुति को खास बनाने के लिए उत्तराखंड की पारंपरिक शैली अपनाई। इस रामलीला में गढ़वाल, कुमाऊं और बिहार के कलाकार शामिल हैं, जो स्थानीय पारंपरिक अंदाज में कथा प्रस्तुत कर रहे हैं। समिति के चेयरमैन डॉ. कुलदीप भंडारी ने बताया कि यह मंचन पौड़ी की ऐतिहासिक रामलीला से प्रेरित है, जिसे यूनेस्को ने भी मान्यता दी है।
मंच पर कलाकारों ने राम जन्म, रावण तपस्या और सुबाहु वध के प्रसंग बड़े ही जीवंत तरीके से पेश किए। दर्शकों ने न केवल कथा का आनंद लिया, बल्कि उत्तराखंड शैली की पारंपरिक वेशभूषा और गीतों का भी भरपूर आनंद लिया। यह प्रस्तुति दर्शकों को एक अलग अनुभव दे रही है।
दक्षिणी दिल्ली में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रामलीला
दक्षिणी दिल्ली की श्री धार्मिक रामलीला समिति ने इस बार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम अपनाई। मंच पर सुंदरकांड, रावण तपस्या और कैलाश लीला का भव्य मंचन किया गया। समिति के संरक्षक राकेश गुलिया ने कहा कि इस रामलीला का उद्देश्य धार्मिक उत्सव के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी देना है।
मंच पर नए तकनीकी उपकरणों और रोशनी का इस्तेमाल किया गया, जिससे कथा और अधिक प्रभावशाली लगी। दर्शकों ने रामायण के सभी प्रसंगों को आधुनिक रंग और पारंपरिक भावनाओं के मिश्रण के साथ देखा, जिससे यह रामलीला पहले दिन से ही लोकप्रिय हो गई।
द्वारका में बाल रामलीला और डांडिया कार्यक्रम
द्वारका सेक्टर 13 के बाल रामलीला ग्राउंड में बच्चों की रामलीला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। बच्चों ने रामायण के प्रसंगों को छोटे रूप में पेश किया और दर्शकों का मन मोह लिया। इसके साथ ही डांडिया नाइट में दर्शकों ने जमकर नृत्य किया और उत्सव का आनंद बढ़ाया।
इस मौके पर बीजेपी नेता राज शर्मा और पूर्व सीएमडी आर. पी. खंडेलवाल जैसे अतिथि भी उपस्थित रहे। आयोजकों ने कहा कि बाल रामलीला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं और बच्चों को रामायण के महत्व और नैतिक शिक्षा से जोड़ना है। दर्शकों ने इस आयोजन की सराहना की और इसे यादगार बताया।