एक्सटेलिफ़ाई ने एयरटेल क्लाउड लॉन्च किया, जो AI-रेडी टेलीकॉम क्लाउड प्लेटफॉर्म है। यह प्रति मिनट 140 करोड़ लेनदेन संभाल सकता है और IaaS, PaaS मॉडल में सेवाएँ देता है।
Airtel: भारतीय टेलीकॉम दिग्गज भारती एयरटेल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एक्सटेलिफ़ाई ने सोमवार को एक नया क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च कर टेलीकॉम उद्योग में हलचल मचा दी है। इस क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म का नाम एयरटेल क्लाउड रखा गया है और इसे विशेष रूप से टेलीकॉम व्यवसायों की जटिल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह एक अत्याधुनिक प्लेटफ़ॉर्म है, जो प्रति मिनट 140 करोड़ लेन-देन को संभालने में सक्षम है और भारत में ही पूरी तरह से विकसित किया गया है।
टेलीकॉम-केंद्रित डिज़ाइन
एयरटेल क्लाउड को मूल रूप से एयरटेल की आंतरिक डिजिटल जरूरतों के लिए बनाया गया था, लेकिन अब इसे IaaS (इंफ्रास्ट्रक्चर-एज़-ए-सर्विस) और PaaS (प्लेटफ़ॉर्म-एज़-ए-सर्विस) मॉडल में तीसरे पक्ष के दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसका निर्माण भारत में किया गया है और इसे “संप्रभु क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म” के रूप में परिभाषित किया गया है। एयरटेल का दावा है कि यह प्लेटफ़ॉर्म अत्यधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और मितव्ययी है। इसकी मदद से व्यवसाय अपने क्लाउड खर्च में लगभग 40 प्रतिशत तक की कटौती कर सकते हैं।
AI और ऑटोमेशन की ताकत
एयरटेल क्लाउड के साथ ही एक्सटेलिफ़ाई ने एक नया एआई-सक्षम सॉफ्टवेयर प्लेटफ़ॉर्म भी लॉन्च किया है। यह एक SaaS (सॉफ्टवेयर-एज़-ए-सर्विस) मॉडल पर आधारित है और विशेष रूप से टेलीकॉम कंपनियों के लिए तैयार किया गया है। इस सॉफ़्टवेयर में डेटा एकत्रण, विश्लेषण और पूर्वानुमान जैसी क्षमताएं अंतर्निहित हैं। यह सॉफ़्टवेयर टेलीकॉम नेटवर्क्स में चर्न प्रेडिक्शन, नेटवर्क ऑप्टिमाइजेशन, और ARPU (प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व) विश्लेषण जैसी गहन अंतर्दृष्टियां प्रदान करने में सक्षम है।
एकीकृत सॉफ्टवेयर अनुभव
यह प्लेटफ़ॉर्म न केवल डेटा इंजन प्रदान करता है, बल्कि इसमें वर्कफोर्स प्लेटफ़ॉर्म और कस्टमर एक्सपीरियंस प्लेटफ़ॉर्म भी शामिल है। वर्कफोर्स प्लेटफ़ॉर्म कर्मचारियों के कार्यों का कुशल प्रबंधन करता है, जबकि कस्टमर एक्सपीरियंस प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ता जीवनचक्र और सेवा अनुभव को अनुकूलित करने में मदद करता है।
स्थायित्व और स्केलेबिलिटी
एयरटेल का कहना है कि यह प्लेटफ़ॉर्म पूरी तरह से “ग्रीन डेटा सेंटर्स” में होस्ट किया गया है, जो पानी और अन्य संसाधनों का पुन: उपयोग कर सकते हैं। इससे पर्यावरण पर प्रभाव कम होता है और लागत में भी कटौती होती है। इसके साथ ही, यह प्लेटफ़ॉर्म डायनामिक स्केलेबिलिटी के लिए जाना जाता है, जो मांग के अनुसार संसाधनों को स्वतः स्केल कर सकता है।
लागत में कटौती और बिना वेंडर लॉक-इन सुविधा
कंपनी का दावा है कि 'एयरटेल क्लाउड' भारतीय व्यवसायों को उनकी मौजूदा क्लाउड लागत में 40% तक की कमी प्रदान कर सकता है। इसके अतिरिक्त, इसमें कोई वेंडर लॉक-इन नहीं है, जिससे ग्राहक किसी भी समय अपने डेटा और सेवाओं को अन्य प्लेटफॉर्म्स पर माइग्रेट कर सकते हैं।
वैश्विक स्तर पर साझेदारियाँ
एयरटेल ने इस क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म के लिए तीन प्रमुख वैश्विक साझेदारियों की घोषणा की है:
- सिंगटेल (सिंगापुर)
- ग्लोब टेलीकॉम (फिलीपींस)
- एयरटेल अफ्रीका
ये साझेदारियाँ इस बात को दर्शाती हैं कि एयरटेल का क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी अपनी पकड़ बनाने के लिए तैयार है।
भविष्य की झलक
एक्सटेलिफ़ाई का यह कदम न केवल एयरटेल के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक परिवर्तन है, बल्कि यह पूरे टेलीकॉम उद्योग के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है। जहां पहले टेलीकॉम कंपनियां वैश्विक क्लाउड दिग्गजों पर निर्भर थीं, अब वे आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।