फ्लेक्सी कैप फंड्स निवेशकों के बीच लोकप्रिय। टॉप-5 फंड्स ने 5 साल में 25-29% सालाना रिटर्न दिया। ₹1 लाख का निवेश आज ₹3 लाख से अधिक हुआ। लॉन्ग टर्म निवेश के लिए यह सुरक्षित और लाभकारी विकल्प हैं।
Flexi Cap Funds: भारतीय निवेशक अब फ्लेक्सी कैप फंड्स की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। पिछले कुछ सालों में इस कैटेगरी के फंड्स ने लॉन्ग टर्म निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। फ्लेक्सी कैप फंड्स एक तरह के इक्विटी म्युचुअल फंड हैं, जहां फंड मैनेजर को किसी एक मार्केट कैप (लार्ज, मिड या स्मॉल) तक सीमित नहीं रखा जाता। मार्केट की स्थिति के अनुसार पोर्टफोलियो में बदलाव की पूरी स्वतंत्रता फंड मैनेजर को होती है।
फ्लेक्सी कैप फंड्स में निवेश क्यों बढ़ा
अगस्त 2025 में भले ही कुल इक्विटी म्युचुअल फंड में इनफ्लो 22% घटकर ₹33,430 करोड़ रह गया, लेकिन फ्लेक्सी कैप फंड्स पर निवेशकों का भरोसा बढ़ा। AMFI के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में फ्लेक्सी कैप फंड्स में सबसे ज्यादा ₹7,679 करोड़ का निवेश आया। जुलाई में यह आंकड़ा ₹7,654 करोड़ था। इसका मतलब है कि निवेशकों ने इस कैटेगरी को स्थिर और लॉन्ग टर्म रिटर्न देने वाला माना।
टॉप-5 फ्लेक्सी कैप फंड्स की परफॉर्मेंस
फ्लेक्सी कैप फंड्स की टॉप 5 स्कीम्स में HDFC Flexi Cap Fund, Quant Flexi Cap Fund, JM Flexi Cap Fund, Bank of India Flexi Cap Fund और Franklin India Flexi Cap Fund शामिल हैं। इन फंड्स ने पिछले 5 साल में निवेशकों को सालाना 25% से 29% तक का रिटर्न दिया है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी निवेशक ने 5 साल पहले ₹1 लाख का निवेश किया होता, तो आज यह निवेश ₹3 लाख से अधिक हो गया होता।
HDFC Flexi Cap Fund ने 29.10% सालाना रिटर्न दिया। Quant Flexi Cap Fund 27.95% रिटर्न के साथ दूसरे नंबर पर है। JM Flexicap Fund और Bank of India Flexi Cap Fund क्रमशः 27.10% और 27.03% रिटर्न देने में सफल रहे। Franklin India Flexi Cap Fund ने 25.08% रिटर्न दिया। यह आंकड़े 10 सितंबर 2025 की NAV के आधार पर हैं।
लाभ और जोखिम
फ्लेक्सी कैप फंड्स निवेशकों के लिए लचीलापन और विविधता दोनों प्रदान करते हैं। फंड मैनेजर किसी भी समय मार्केट के हिसाब से लार्ज, मिड या स्मॉल कैप स्टॉक्स में बदलाव कर सकते हैं। हालांकि, निवेशकों को यह समझना चाहिए कि म्युचुअल फंड में पिछला रिटर्न भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता। बाजार के उतार-चढ़ाव और ग्लोबल इकोनॉमिक फैक्टर्स का असर रिटर्न पर पड़ सकता है।
निवेशक क्यों कर रहे हैं भरोसा
मिरे असेट के हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेस सुरंजना बोर्थाकुर के अनुसार, “फ्लेक्सी-कैप और मल्टी-कैप फंड्स लॉन्ग टर्म निवेश के लिए पसंदीदा बन गए हैं। पिछले दो महीनों में ही लगभग ₹7,600 करोड़ का स्थिर इनफ्लो आया है। निवेशक इन फंड्स में अपने पैसे को सुरक्षित और उच्च रिटर्न देने वाली जगह मान रहे हैं।”
फ्लेक्सी कैप फंड कैसे काम करता है
फ्लेक्सी कैप फंड्स की खासियत यह है कि फंड मैनेजर को किसी एक मार्केट कैप तक सीमित नहीं रखा जाता। वह मार्केट की स्थिति और शेयरों की परफॉर्मेंस के अनुसार पोर्टफोलियो बदल सकते हैं। ओमनीसाइंस कैपिटल के सीईओ और चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट डॉ. विकास गुप्ता कहते हैं, “इक्विटी निवेश के मामले में फ्लेक्सी कैप कैटेगरी सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है। इसमें फंड मैनेजर को मार्केट के अलग-अलग हिस्सों में निवेश का लचीलापन मिलता है। इससे लंबी अवधि में निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।”