गणेश चतुर्थी 2025 पर घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापना के लिए विशेषज्ञ सफेद और सिंदूरी रंग की प्रतिमा को शुभ मानते हैं। सफेद गणपति सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति लाता है, जबकि सिंदूरी मूर्ति आत्म-विकास और व्यक्तिगत सफलता में मदद करती है। स्थापना दोपहर में, पीले वस्त्र पर और कलश के साथ करना शुभ है।
गणेश चतुर्थी 2025: इस बार 27 अगस्त को देशभर के घरों में बप्पा विराजमान होंगे। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, घर में गणपति की मूर्ति चुनते समय सफेद या सिंदूरी रंग का चयन करना शुभ माना जाता है। सफेद गणेश सुख-शांति और समृद्धि लाता है, जबकि सिंदूरी मूर्ति आत्म-विकास और कार्य सिद्धि में मदद करती है। स्थापना दोपहर के समय, लकड़ी की चौकी पर पीले वस्त्र पर और कलश के साथ करनी चाहिए। दिनभर जलीय आहार या फलाहार ग्रहण कर सायंकाल में यथा शक्ति पूजा और घी का दीपक जलाना लाभकारी होता है।
घर में गणपति स्थापना
गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को घर-घर में बप्पा विराजमान होंगे। इस दिन सही मूर्ति और रंग का चयन शुभता, समृद्धि और सुख-शांति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, घर में सफेद या सिंदूरी रंग की गणेश प्रतिमा स्थापना की जा सकती है। सफेद रंग सकारात्मक ऊर्जा और सद्भाव लाता है, जबकि सिंदूरी रंग आत्म-विकास और व्यक्तिगत उन्नति में सहायक होता है।
वास्तु के मुताबिक, घर में केवल एक गणेश प्रतिमा रखना चाहिए। अतिरिक्त मूर्तियाँ रखने से ऊर्जा का संतुलन प्रभावित हो सकता है और आशीर्वाद का असर कम हो सकता है। इसलिए बप्पा का पूर्ण आशीर्वाद पाने के लिए सिर्फ एक ही मूर्ति स्थापित करना शुभ होता है।
शांति और समृद्धि का प्रतीक
सफेद रंग की गणेश प्रतिमा घर में सुख-शांति, सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने के लिए विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है। प्राकृतिक पत्थर से बनी सफेद मूर्ति घर के वातावरण को शांत और सकारात्मक बनाती है, जिससे परिवार के सदस्यों पर बप्पा का आशीर्वाद लंबे समय तक स्थायी रहता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सफेद गणेश की स्थापना नए घर में प्रवेश, नए काम की शुरुआत या सामान्य पूजा के दौरान अत्यंत शुभ मानी जाती है। यह परिवार में संतुलन और मानसिक शांति बनाए रखने में मदद करती है।
करियर और व्यक्तिगत उन्नति के लिए
सिंदूरी रंग की गणेश प्रतिमा उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो अपने करियर या व्यक्तिगत जीवन में सफलता पाना चाहते हैं। यह मूर्ति समस्त कार्यों को सिद्ध करने और अनचाही इच्छाओं को पूरा करने में मदद करती है।
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, आत्म-विकास के उद्देश्य से काम करने वाले व्यक्तियों को सिंदूरी गणेश की स्थापना करनी चाहिए। इससे लक्ष्यों की प्राप्ति जल्दी होती है और व्यक्तिगत उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
स्थापना का सही समय और विधि
गणेश चतुर्थी पर मूर्ति की स्थापना दोपहर के समय करनी चाहिए और कलश भी स्थापित करना शुभ माना जाता है। मूर्ति को लकड़ी की चौकी पर पीले वस्त्र पर विराजित करें।
दिनभर जलीय आहार या फलाहार ग्रहण करें। सायंकाल में यथा शक्ति गणेश पूजा करें और घी का दीपक जलाकर बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करें। यह विधि घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने और परिवार के लिए शुभता लाने में मदद करती है।