हज का सबसे महत्वपूर्ण दिन अराफात का दिन मुसलमानों के लिए आध्यात्मिक महत्व रखता है। अराफात मैदान और रहमत का पहाड़ हाजीओं के लिए माफी, दुआ और आत्मनिरीक्षण का स्थान है। पैगंबर हजरत मोहम्मद का ख़ुत्बा-ए-हज्जतुल विदा और अराफात की दुआएं इसे हज का सबसे भावुक और पवित्र पड़ाव बनाती हैं।
Arafat Day: हज का सबसे महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक पड़ाव: हर साल मक्का, सऊदी अरब में हज के दौरान लाखों मुसलमान अराफात मैदान और रहमत के पहाड़ पर इकट्ठा होते हैं। यह दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद के खुत्बा-ए-हज्जतुल विदा, आत्मनिरीक्षण और दुआ का प्रतीक है। 9वीं जिलहिज्जा को मनाया जाने वाला यह दिन हज का सबसे अहम पड़ाव माना जाता है, जहां हाजी सफेद कपड़ों में खड़े होकर अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं और अल्लाह के करीब होने का अनुभव प्राप्त करते हैं।
यौम-ए-अराफा और रहमत का पहाड़
अराफात के मैदान के बीच में स्थित जबल अर-रहमा यानी रहमत का पहाड़ विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि हजरत आदम और हजरत हव्वा ने यहीं अल्लाह से माफी मांगी थी, जिसे स्वीकार किया गया। इस कारण इसे रहमत का स्थान कहा जाता है।

हज के दौरान हाजी सफेद कपड़ों में यहां खड़े होकर अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। मैदान की रूहानी फिजा और अल्लाह के निकट होने का एहसास लोगों को भावुक कर देता है। अराफात का दिन हज का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है, और हदीस में कहा गया है कि हज है ही अराफा।
ख़ुत्बा-ए-हज्जतुल विदा और ऐतिहासिक महत्व
पैगंबर हजरत मोहम्मद ने अपनी विदाई हज के दौरान यहीं खड़े होकर ऐतिहासिक खुतबा दिया। इसे ख़ुत्बा-ए-हज्जतुल विदा कहा जाता है, जिसमें इंसाफ, समानता, स्त्री अधिकार और भाईचारे का संदेश दिया गया। कुरान में भी इस दिन को विशेष महत्व दिया गया है।
दुआ और आध्यात्मिक अनुभव
अराफात का दिन हज का सबसे भावनात्मक पड़ाव है। हाजी यहां आंसुओं के साथ अल्लाह से रहमत और माफी की दुआ करते हैं। इस दिन की दुआएं विशेष मानी जाती हैं और विश्वास किया जाता है कि अल्लाह हर दुआ सुनते हैं और गुनाहों को माफ कर देते हैं। कई हाजी इसे जीवन का सबसे पवित्र अनुभव मानते हैं।
अराफात का दिन सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था, आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। रहमत का पहाड़ मुसलमानों के लिए अल्लाह के करीब जाने और जीवन में माफी, संयम और भाईचारे का संदेश लेने का प्रतीक है। हज के अनुभव को पूरा और सार्थक बनाने में अराफात का दिन सबसे अहम स्थान रखता है।













