Columbus

HUL के नतीजे उम्मीद से बेहतर, जानिए मुनाफे में उछाल के पीछे की बड़ी वजह

HUL के नतीजे उम्मीद से बेहतर, जानिए मुनाफे में उछाल के पीछे की बड़ी वजह

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही यानी Q1FY26 के नतीजे जारी कर दिए हैं। कंपनी का शुद्ध मुनाफा बाजार की उम्मीदों से बेहतर रहा है, जिससे शेयरों में सकारात्मक असर देखा गया। नतीजों के ऐलान के बाद कंपनी का शेयर भाव सुबह 10 बजे के आसपास तीन फीसदी बढ़कर 2500 रुपये के ऊपर पहुंच गया।

क्या रहे तिमाही आंकड़े

एचयूएल ने जून तिमाही में 2732 करोड़ रुपये का स्टैंडअलोन मुनाफा कमाया है। बाजार का अनुमान 2535 करोड़ रुपये का था। यानी मुनाफा अनुमान से करीब 200 करोड़ रुपये ज्यादा रहा। वहीं, कंपनी की कुल आय 15931 करोड़ रुपये रही, जो कि अनुमानित 15945 करोड़ रुपये से थोड़ी कम है।

अगर बात करें कंपनी के ईबीआईटीडीए (EBITDA) की तो यह आंकड़ा 3558 करोड़ रुपये रहा, जबकि बाजार में 3595 करोड़ रुपये का अनुमान था। मार्जिन की बात करें तो यह 22.3 प्रतिशत रहा, जबकि अनुमान 22.5 प्रतिशत का था।

पिछले साल से तुलना में कितना बदला आंकड़ा

पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी का मुनाफा 2538 करोड़ रुपये था, जो इस बार बढ़कर 2732 करोड़ रुपये हो गया। यानी साल-दर-साल आधार पर कंपनी का मुनाफा करीब 7.6 प्रतिशत बढ़ा है। आय में भी 3.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले साल की तुलना में ईबीआईटीडीए में मामूली गिरावट आई है, जो 3606 करोड़ रुपये से घटकर 3558 करोड़ रुपये पर पहुंचा है। मार्जिन भी 23.51 प्रतिशत से घटकर 22.33 प्रतिशत हो गया है।

वॉल्यूम ग्रोथ ने राहत दी

एचयूएल ने इस तिमाही में 4 प्रतिशत की डोमेस्टिक वॉल्यूम ग्रोथ दर्ज की है। यह आंकड़ा बाजार की 3 से 4 प्रतिशत की उम्मीद के भीतर रहा। इसका मतलब यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग स्थिर बनी हुई है और उपभोक्ता स्तर पर उत्पादों की खपत में कोई बड़ी गिरावट नहीं दिखी है।

शेयर का प्रदर्शन कैसा रहा है

एचयूएल के शेयरों ने पिछले कुछ समय में मिला-जुला प्रदर्शन किया है। एक हफ्ते में यह करीब 3 प्रतिशत बढ़ा है जबकि एक महीने में 10 प्रतिशत की बढ़त दिखाई है। हालांकि, अगर पूरे साल की बात करें तो यह करीब 7 प्रतिशत टूट चुका है। वहीं, तीन साल की अवधि में भी इसमें 4 प्रतिशत की गिरावट आई है।

इनपुट कॉस्ट और मार्जिन पर असर

कंपनी के मुनाफे में अच्छी बढ़त के बावजूद ऑपरेटिंग मार्जिन और EBITDA पर दबाव बना हुआ है। इसकी मुख्य वजह इनपुट कॉस्ट यानी कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी मानी जा रही है। FMCG कंपनियों पर इन दिनों लागत बढ़ने का असर साफ देखा जा रहा है, जिसका असर मार्जिन पर पड़ रहा है।

एचयूएल जैसी बड़ी कंपनी के लिए इनपुट कॉस्ट का बढ़ना और मार्जिन का दबाव में रहना बाजार को संकेत देता है कि आने वाले समय में कीमतों या अन्य रणनीतियों में बदलाव हो सकता है।

शेयर बाजार में कैसी रही प्रतिक्रिया

तिमाही नतीजों के बाद एचयूएल के शेयरों में शुरुआत में अच्छी तेजी देखी गई। यह 3 प्रतिशत तक चढ़कर 2500 रुपये के पार पहुंच गया। हालांकि, दिन के आगे बढ़ने के साथ बाजार की चाल और निवेशकों की प्रतिक्रिया से तय होगा कि शेयर इस लेवल को बनाए रख पाता है या नहीं।

ग्रामीण मांग बनी मजबूत कड़ी

कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण बाजारों से मांग में स्थिरता बनी हुई है। खासतौर पर आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं के प्रति रुझान जस का तस है, जिससे वॉल्यूम ग्रोथ को सहारा मिला है। शहरों की तुलना में गांवों में उपभोक्ता खर्च की स्थिति कुछ बेहतर मानी जा रही है, जिसने HUL जैसे FMCG ब्रांड्स को सहारा दिया है।

सेगमेंट वाइज प्रदर्शन पर नजर

कंपनी के विभिन्न प्रोडक्ट कैटेगरी में इस तिमाही में समान स्तर की मांग देखी गई है। डेली यूज़ प्रोडक्ट जैसे साबुन, शैंपू, डिटर्जेंट और स्किन केयर सेगमेंट ने स्थिरता दिखाई है। कुछ सेगमेंट्स में प्रीमियम प्रोडक्ट्स की मांग थोड़ी कमजोर दिखी है लेकिन कुल मिलाकर ब्रॉड-बेस्ड मांग बनी हुई है।

HUL की रणनीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं

कंपनी ने संकेत दिए हैं कि वह मौजूदा हालात को देखते हुए फिलहाल कोई बड़ा दाम बढ़ाने का कदम नहीं उठाएगी। हालांकि इनपुट कॉस्ट पर नियंत्रण और सप्लाई चेन को कुशल बनाकर मार्जिन को बेहतर बनाने की दिशा में काम जारी रहेगा।

मार्केट एक्सपर्ट की नजरें बनी रहेंगी

एचयूएल के इस तिमाही नतीजे के बाद मार्केट एक्सपर्ट्स की नजरें कंपनी की भविष्य की रणनीतियों पर बनी रहेंगी। खासतौर पर इनपुट कॉस्ट में संभावित नरमी, ग्रामीण मांग में मजबूती और प्रोडक्ट प्राइसिंग में बदलाव जैसे बिंदुओं पर आगे की चाल तय होगी।

नतीजों के बाद निवेशकों में हलचल

मार्केट में कई निवेशक अब इस बात का आकलन कर रहे हैं कि क्या यह नतीजे HUL के शेयरों में लंबे समय तक मजबूती ला सकते हैं या फिर यह केवल तात्कालिक उछाल है। मार्जिन दबाव के कारण कुछ निवेशक सतर्क रुख भी अपना सकते हैं।

Leave a comment