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IIT दिल्ली अबू धाबी परिसर में शिक्षा मंत्री ने सुविधाओं का किया निरीक्षण, शिक्षा अनुभव बढ़ाने पर डाला प्रकाश

IIT दिल्ली अबू धाबी परिसर में शिक्षा मंत्री ने सुविधाओं का किया निरीक्षण, शिक्षा अनुभव बढ़ाने पर डाला प्रकाश

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने IIT दिल्ली अबू धाबी परिसर का दौरा किया। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों की तारीफ की और भारत-UAE शिक्षा सहयोग को मजबूत बनाने के लिए किए गए प्रयासों को सराहा।

Education News: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 11 सितंबर तक संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने आईआईटी दिल्ली, अबू धाबी परिसर का दौरा किया और परिसर में अपने गर्मजोशी भरे स्वागत पर खुशी जताई। प्रधान ने इस अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि यह उनका दूसरा दौरा है। उन्होंने कहा कि संस्थान को एक अवधारणा से पूर्ण परिसर के रूप में विकसित होते देखना उनके लिए संतोषजनक अनुभव है।

आईआईटी दिल्ली अबू धाबी की विशेषताएं

प्रधान ने आईआईटी दिल्ली अबू धाबी परिसर को ज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान भारत-यूएई ज्ञान साझेदारी का प्रकाश स्तंभ बनकर कार्य कर रहा है। प्रधान ने डिजिटल वॉल का भी उल्लेख किया, जो परिसर के सपने से वास्तविकता तक के सफर को दर्शाती है। उनके अनुसार यह डिजिटल वॉल उन्हें व्यक्तिगत रूप से बहुत प्रेरक और संतोषजनक अनुभव प्रदान करती है।

एडीईके अध्यक्ष से मुलाकात

प्रधान ने अपनी यात्रा के दौरान एडीईके की अध्यक्ष महामहिम सारा मुसल्लम से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आईआईटी दिल्ली अबू धाबी परिसर की स्थापना में योगदान और सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया। साथ ही उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय पाठ्यक्रम वाले स्कूलों को दिए जा रहे समर्थन की भी सराहना की।

शिक्षा सहयोग पर चर्चा

प्रधान और सारा मुसल्लम ने शिक्षा के क्षेत्र में पारस्परिक सहयोग और प्राथमिकताओं पर विस्तृत बातचीत की। प्रधान ने भारत में अटल टिंकरिंग लैब्स की सफलता और UAE में भारतीय स्कूलों में अटल इनोवेशन लैब्स के विस्तार की योजनाओं पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने, छात्रों के लिए द्विपक्षीय आदान-प्रदान और भारतीय पाठ्यक्रम-आधारित स्कूल खोलने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया।

द्विपक्षीय संबंधों में शिक्षा का महत्व

प्रधान ने बताया कि शिक्षा द्विपक्षीय संबंधों के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक है। उन्होंने सारा मुसल्लम की इच्छा की सराहना की कि शिक्षा के माध्यम से भारत और UAE के बीच संबंध और मजबूत हों। प्रधान ने कहा कि छात्रों के बीच ज्ञान और रचनात्मकता को बढ़ावा देना इस सहयोग का मुख्य लक्ष्य है।

प्रधान ने यह भी उल्लेख किया कि आईआईटी दिल्ली अबू धाबी परिसर भारतीय शिक्षा की विरासत और उत्कृष्टता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान न केवल तकनीकी और वैज्ञानिक शिक्षा में योगदान देता है बल्कि वैश्विक ज्ञान साझेदारी के लिए भी महत्वपूर्ण है।

शैक्षिक और सामाजिक लाभ

प्रधान ने यह भी बताया कि इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय सहयोग से छात्रों को वैश्विक स्तर पर सीखने और अनुभव प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे। इससे युवाओं में नवाचार, विज्ञान और तकनीकी शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ेगी। साथ ही इससे भारतीय शिक्षा प्रणाली की वैश्विक पहचान मजबूत होगी।

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