GST काउंसिल ने 22 सितंबर से लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर GST खत्म करने का फैसला किया है। इससे पॉलिसी प्रीमियम सस्ते होने की संभावना है और आम लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी। हालांकि, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हटने के कारण कंपनियां कुछ कॉस्ट खुद उठाएंगी, जिससे प्रीमियम में पूरी राहत नहीं मिल पाएगी।
Health insurance policy: GST काउंसिल ने 22 सितंबर से इंडिविजुअल लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर GST समाप्त करने का ऐतिहासिक फैसला किया है। इस कदम से पॉलिसी सस्ती होने की उम्मीद है और आम लोगों के लिए इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ेगी। हालांकि, ITC के बिना कंपनियों को इनपुट कॉस्ट खुद उठानी होगी, जिससे प्रीमियम में पूरी कटौती ग्राहकों तक नहीं पहुँच पाएगी। इसका उद्देश्य हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को अधिक सुलभ बनाना है।
इंश्योरेंस कंपनियों की वर्तमान स्थिति
अभी बीमा कंपनियां कई तरह की इनपुट सर्विसेज पर 8 से 10 प्रतिशत तक इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) क्लेम करती हैं। इससे कंपनियों की ऑपरेशनल लागत में कुछ राहत मिलती है। GST के हटने के बाद यह लाभ खत्म हो जाएगा। कंपनियों को अब इनपुट कॉस्ट का पूरा बोझ खुद उठाना होगा। इस स्थिति में पॉलिसी प्रीमियम तय करने में कंपनियां अपनी बढ़ी हुई लागत को शामिल कर सकती हैं।
बीमा कंपनियों के लिए यह चुनौती भरा समय होगा, क्योंकि ITC न मिलने से उनका ऑपरेशनल खर्च बढ़ जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि पॉलिसीधारकों को उतना फायदा नहीं मिलेगा, जितनी उम्मीद अभी तक की जा रही है।
आम लोगों के लिए लाभ और उम्मीद

इंश्योरेंस इंडस्ट्री के एग्जिक्यूटिव्स का मानना है कि GST हटाने से आम लोगों के लिए इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स सस्ते और आकर्षक बनेंगे। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ तपन सिंघल के अनुसार, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर GST हटाना आम लोगों की इंश्योरेंस में रुचि बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम है। इससे करोड़ों भारतीयों को जीवन और स्वास्थ्य सुरक्षा का लाभ मिलेगा।
पीबी फिनटेक के प्रेसिडेंट एवं ज्वॉइंट ग्रुप सीईओ सर्बवीर सिंह ने भी कहा कि यह ऐतिहासिक कदम सरकार द्वारा उन समय में उठाया गया है जब इलाज की लागत लगातार बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि विशेष रूप से टर्म लाइफ इंश्योरेंस जैसे जरूरी प्रोडक्ट्स पर यह कदम लोगों के लिए राहत देने वाला होगा।
प्रीमियम पर असर का अनुमान
विशेषज्ञों का कहना है कि GST हटाने का लाभ सीधे तौर पर प्रीमियम में दिखाई देगा, लेकिन केवल तभी जब ITC के मुद्दे को हल किया जाए। ITC के बिना, बीमा कंपनियों को इनपुट कॉस्ट का पूरा बोझ खुद उठाना होगा। इसका असर पॉलिसी प्रीमियम पर पड़ सकता है।
कई वित्त विशेषज्ञ मानते हैं कि कंपनियां अपनी लागत को आधार मानकर प्रीमियम तय करेंगी। ऐसे में ग्राहकों को मिलने वाला लाभ उतना स्पष्ट नहीं होगा, जितना GST हटाने के फैसले से उम्मीद की जा रही थी।
इंश्योरेंस इंडस्ट्री पर प्रभाव
इंश्योरेंस कंपनियों के लिए GST हटने का फायदा और नुकसान दोनों ही पहलुओं पर असर डालेगा। एक ओर यह कदम आम लोगों के लिए आकर्षक होगा और पॉलिसी की बिक्री बढ़ने की संभावना रहेगी। दूसरी ओर कंपनियों की लागत में वृद्धि होगी, क्योंकि ITC का लाभ समाप्त हो जाएगा।
इस समय वित्तीय नियामक IRDAI से भी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले हफ्तों में इस मसले पर व्यापक गाइडलाइन जारी करेंगे। यह दिशा-निर्देश पॉलिसी प्रीमियम और ग्राहक लाभ के संतुलन में मदद करेंगे।













