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IT शेयरों में भारी गिरावट: 6% तक टूटे भाव, जानिए क्या करें निवेशक

IT शेयरों में भारी गिरावट: 6% तक टूटे भाव, जानिए क्या करें निवेशक

भारतीय आईटी कंपनियों के शेयर 22 सितंबर को भारी गिरावट में रहे। परसिस्टेंट सिस्टम्स, टेक महिंद्रा, LTI माइंडट्री, एमफैसिस और कोफोर्ज 3% से 6% तक टूट गए, जबकि TCS, Infosys और HCLTech में 2% से अधिक की गिरावट रही। यह H-1B वीजा नियमों में बदलाव और सेक्टर की सुस्त ग्रोथ के कारण हुआ। 

IT Stocks: 22 सितंबर को भारतीय आईटी शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। मिडकैप कंपनियों जैसे परसिस्टेंट सिस्टम्स, टेक महिंद्रा, LTI माइंडट्री और एमफैसिस के शेयर 3% से 6% तक टूटे, जबकि TCS, Infosys और HCLTech जैसे लार्जकैप शेयर 2% से अधिक नीचे गए। यह गिरावट अमेरिका के H-1B वीजा नियमों में हालिया बदलाव, सेक्टर की धीमी ग्रोथ और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते आई है। ब्रोकरेज रिपोर्ट के अनुसार, यह निवेशकों के लिए चुनिंदा खरीदारी का अवसर भी दे सकता है। 

H-1B वीजा नियमों में बदलाव का असर

हाल ही में अमेरिका के H-1B वीजा नियमों में बदलाव के बाद आईटी शेयरों पर दबाव देखा गया। व्हाइट हाउस ने बताया कि H-1B वीजा के नए आवेदन के लिए कंपनियों को अब $1,00,000 यानी करीब 88 लाख रुपये की फीस देनी होगी। हालांकि यह नियम केवल नए आवेदनों पर लागू होगा और 21 सितंबर से पहले दाखिल किए गए या रिन्यूअल वीजा पर इसका असर नहीं पड़ेगा।

कई आईटी कंपनियों ने स्पष्ट किया कि इस नए नियम का उनका बिजनेस पर सीमित असर होगा। परसिस्टेंट सिस्टम्स, एमफैसिस और कोफोर्ज ने अपने बयान में कहा कि यह बदलाव उनके परिचालन और प्रॉफिट पर ज्यादा असर नहीं डालेगा।

Nifty IT इंडेक्स पर दबाव

Nifty IT इंडेक्स दिसंबर 2024 में अपने रिकॉर्ड हाई स्तर पर था, लेकिन अब तक इसमें करीब 22% की गिरावट आ चुकी है। Infosys और HCLTech जैसे दिग्गज शेयर इस दौरान 20% से 30% तक टूट चुके हैं। H-1B वीजा नियमों में बढ़ोतरी ने आईटी कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है, हालांकि यह प्रभाव अभी सीमित माना जा रहा है।

खरीदारी का अवसर?

एक्सिस कैपिटल के माणिक तनेजा का मानना है कि आईटी शेयरों में गिरावट कुछ चुनिंदा कंपनियों में निवेश बढ़ाने का अवसर दे सकती है। उन्होंने विप्रो, इंफोसिस, सैजिलिटी और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज को पसंदीदा कंपनियों में शामिल किया है।

तनेजा ने कहा कि परसिस्टेंट सिस्टम्स के ऑपरेटिंग प्रॉफिट पर नए वीजा नियमों का असर लगभग 7% से 8% तक हो सकता है, जबकि टेक महिंद्रा पर यह 4% तक सीमित रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर शेयरों में तेज गिरावट आती है, तो यह निवेशकों को सही कंपनियों में जोड़ने का मौका दे सकती है।

नोमुरा ने तनेजा की राय से सहमति जताते हुए कहा कि आईटी सेक्टर में किसी भी तेज गिरावट का उपयोग निवेश बढ़ाने के अवसर के रूप में किया जा सकता है। ब्रोकरेज ने लार्जकैप शेयरों में इंफोसिस और कॉग्निजेंट को पसंदीदा माना है। मिडकैप शेयरों में कोफोर्ज और फर्स्टसोर्स पर ध्यान दिया गया है।

मौजूदा स्थिति

फिलहाल Nifty IT इंडेक्स के सभी शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। टेक महिंद्रा के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट आई। मिडकैप कंपनियों जैसे परसिस्टेंट सिस्टम्स, कोफोर्ज, LTIMindtree और एमफैसिस के शेयरों में भी लगभग समान गिरावट रही। वहीं, TCS और Infosys जैसी लॉर्जकैप कंपनियां शुरुआती गिरावट से धीरे-धीरे रिकवरी की कोशिश कर रही हैं।

H-1B वीजा नियमों का प्रभाव सीमित माना जा रहा है, लेकिन आईटी सेक्टर की सुस्त ग्रोथ और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं निवेशकों की चिंता बढ़ा रही हैं। अमेरिकी बाजारों में तकनीकी और विदेशी निवेश से जुड़े निर्णय भी आईटी शेयरों की दिशा तय कर रहे हैं।

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