सीआईडी की साइबर क्राइम शाखा ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए साइबर ठगी के एक गंभीर मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला 14 मई को दर्ज किया गया था, जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से ईडी अधिकारी बनकर संपर्क किया गया।
रांची: झारखंड में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें शातिर ठगों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ED) का अधिकारी बताकर न केवल आम लोगों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, बल्कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट में डालकर करोड़ों रुपये भी ठग लिए। रांची स्थित CID की साइबर क्राइम टीम ने इस हाई-प्रोफाइल ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए हिमाचल प्रदेश से एक ठग को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही डिजिटल ठगों के अंतरराज्यीय नेटवर्क का खुलासा भी हुआ है, जो जम्मू से लेकर तमिलनाडु तक फैला हुआ है।
मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर डर, फिर डिजिटल गिरफ्तारी
साइबर क्राइम थाना में 14 मई को दर्ज इस मामले की शुरुआत एक व्हाट्सएप कॉल से हुई। कॉल करने वाला खुद को ईडी अधिकारी बताकर पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराध में फंसाने की धमकी देता था। इसके बाद वीडियो कॉल के ज़रिए डिजिटल अरेस्ट का नाटक रचा जाता, जिसमें पीड़ित को कहा जाता कि वह कैमरे के सामने बना रहे और कहीं बाहर न जाए, क्योंकि वह ‘जांच के दायरे में’ है।
इस मनोवैज्ञानिक दबाव के चलते पीड़ित ने एक करोड़ 39 लाख 70 हजार रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए। यही नहीं, जांच में यह बात भी सामने आई कि पिछले चार दिनों में ही गिरोह ने एक फर्जी खाते में 3.10 करोड़ रुपये क्रेडिट करवा लिए थे।
महिला समाज कल्याण समिति के नाम पर खोला खाता
गिरफ्तार आरोपी ने महिला समाज कल्याण समिति" के नाम पर यस बैंक में खाता खोला था। इस खाते का इस्तेमाल ठगी की रकम को इकट्ठा करने और आगे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था। बैंक स्टेटमेंट से खुलासा हुआ कि इसी खाते में बीते कुछ दिनों में देशभर के पीड़ितों से मोटी रकम जमा कराई गई।
इस गिरोह की पहुंच कितनी व्यापक थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर इस एक खाते से संबंधित 27 शिकायतें अलग-अलग राज्यों से दर्ज की गई हैं। इनमें हरियाणा, केरल, राजस्थान, असम, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तराखंड, झारखंड और तेलंगाना जैसे राज्य शामिल हैं। यानी देश के कोने-कोने में लोग इस गिरोह के शिकार बने हैं।
पहले भी हो चुकी हैं गिरफ्तारियां
हिमाचल प्रदेश से पकड़े गए आरोपी की पहचान सुभाष चंद्र उर्फ सुभाष शर्मा के रूप में हुई है। इससे पहले भी इसी मामले में बी इशाक अहमद को तेलंगाना से और लालडूसंगा को मिजोरम से गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने इनके पास से एक मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एक ATM कार्ड और आधार कार्ड बरामद किया है, जिससे ठगी की पुष्टि हुई।
इस पूरे ऑपरेशन में रांची स्थित CID की साइबर क्राइम टीम की तकनीकी दक्षता और सतर्कता की सराहना हो रही है। टेक्निकल सेल की मदद से आरोपी की लोकेशन ट्रेस कर गिरफ्तारी को अंजाम दिया गया। अधिकारियों के मुताबिक, यह गिरोह कई लेयर में काम करता है, जिसमें कॉल सेंटर चलाने वाले, फर्जी पहचान पत्र बनवाने वाले और मनी म्यूल्स शामिल हैं।
पुलिस ने इस मामले को लेकर आम लोगों को आगाह करते हुए कहा है कि किसी भी अनजान कॉल या व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर यदि कोई खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर मनी ट्रांसफर की मांग करे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और 1930 या साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें।