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जोधपुर मे खाकी पर लगा दाग, पुलिसकर्मियों पर अपहरण और वसूली के गंभीर आरोप, सनसनीखेज खुलासा

जोधपुर मे खाकी पर लगा दाग, पुलिसकर्मियों पर अपहरण और वसूली के गंभीर आरोप, सनसनीखेज खुलासा

राजस्थान के जोधपुर से पुलिस महकमे की साख पर सवाल उठाने वाला एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां खाकी वर्दी की आड़ में चार कांस्टेबलों द्वारा एक युवक को अगवा कर थाने में ले जाकर उससे नकद, एटीएम से रकम और क्रिप्टोकरेंसी जबरन वसूलने का सनसनीखेज आरोप लगा है। मामले के सामने आते ही जोधपुर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए जोधपुर पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह ने चारों आरोपी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं, आईपीएस हेमंत कलाल ने पुष्टि की है कि प्रारंभिक जांच के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। आरोपियों के खिलाफ अपहरण, जबरन वसूली, धमकी और आपराधिक साजिश की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

पीड़ित दिलीप गौड़, जो कि बनाड़ रोड, जोधपुर का निवासी है, ने बताया कि 14 जुलाई को वह अपने मित्र रमेश शर्मा के साथ पावटा स्थित एक शोरूम में खरीदारी के लिए गया था। पार्किंग के दौरान एक सफेद कार में सवार चार वर्दीधारी पुलिसकर्मियों ने उसे रोका। दिलीप के अनुसार, कांस्टेबल जगमाल जबरन उसकी कार में घुसा और पूछताछ के बहाने उसे बाहर निकालकर गाड़ी कब्जे में ले ली।

इसके बाद दिलीप को जबरन माता का थान थाना ले जाया गया। वहां दिलीप का आरोप है कि चारों पुलिसकर्मियों ने उसे धमकाया और एक लाख रुपये नकद, उसकी पत्नी के एटीएम से एक लाख रुपये निकाले। इसके अलावा दिलीप से लगभग 8.6 लाख रुपये मूल्य की USDT क्रिप्टोकरेंसी भी जबरन ट्रांसफर करवा ली गई। यही नहीं, उसका आईफोन भी कुछ समय के लिए जब्त कर लिया गया था।

थाने में दी गई धमकियां

दिलीप ने आगे आरोप लगाया कि थाने में मौजूद एक अन्य कांस्टेबल राकेश ने उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी दी और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। दिलीप के अनुसार, पूरे घटनाक्रम के दौरान कोई वैध कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। न तो उसे कोई गिरफ्तारी नोटिस दिखाया गया और न ही कोई लिखित कार्रवाई की जानकारी दी गई। इस तरह से यह मामला केवल भ्रष्टाचार का ही नहीं, बल्कि कानूनी प्रक्रिया की अवहेलना का भी उदाहरण बन गया है।

सरकार और पुलिस महकमे पर सवाल

पीड़ित दिलीप गौड़ ने पुलिस आयुक्त कार्यालय में लिखित शिकायत दी है, जिसमें दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन की पुष्टि के साथ-साथ उनसे वसूली गई नकदी, एटीएम की राशि और क्रिप्टोकरेंसी की वापसी की मांग की गई है। साथ ही, उनके खिलाफ कड़ी आपराधिक कार्रवाई की अपील भी की गई है।

यह मामला अब राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। क्योंकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद राज्य के गृह मंत्री हैं और डीजीपी राजीव शर्मा की निगरानी में पूरे राज्य की पुलिस व्यवस्था चल रही है। ऐसे में इस घटना ने पूरे सिस्टम की जवाबदेही और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जब कानून की रक्षा करने वाले ही कानून तोड़ने लगें, तो आम जनता को न्याय की उम्मीद किससे होगी? यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति से जुड़ी घटना नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक ढांचे की साख और संवेदनशीलता की परीक्षा है।

जांच जारी है, और अब यह देखना बाकी है कि पुलिस महकमा इस मामले में कितनी पारदर्शिता और गंभीरता से आगे बढ़ता है।

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