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'लड़ो या मरो' नारे के बीच टॉमी रॉबिन्सन की रैली, एलन मस्क ने दिया समर्थन

'लड़ो या मरो' नारे के बीच टॉमी रॉबिन्सन की रैली, एलन मस्क ने दिया समर्थन

लंदन में टॉमी रॉबिन्सन की अपील पर 1.5 लाख से ज्यादा लोग विरोध रैली में शामिल हुए। एलन मस्क ने वीडियो लिंक से समर्थन जताया। भीड़ और पुलिस में झड़प हुई, जिसमें 26 अधिकारी घायल हो गए।

United Kingdom Violence: ब्रिटेन की राजधानी लंदन शनिवार को एक विशाल विरोध प्रदर्शन का गवाह बनी। विवादित नेता टॉमी रॉबिन्सन के आह्वान पर हजारों लोग राजधानी की सड़कों पर उतर आए। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस रैली में करीब 1.5 लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। यह रैली “Unite the Kingdom” के बैनर तले आयोजित की गई थी। भीड़ में शामिल लोगों का कहना था कि वे ब्रिटेन की पहचान और सुरक्षा के लिए एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

टॉमी रॉबिन्सन और उनके विवादित बयान

टॉमी रॉबिन्सन, जिनका असली नाम स्टीफन यैक्सली-लेनन है, लंबे समय से अपने दक्षिणपंथी बयानों और प्रवासी विरोधी विचारों को लेकर चर्चा में रहते हैं। रॉबिन्सन ने इस रैली के माध्यम से ब्रिटेनवासियों से अपील की कि वे देश की संस्कृति और परंपराओं को बचाने के लिए संघर्ष करें। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक वर्ग और वामपंथी ताकतें ब्रिटेन की जड़ों को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। उनका कहना था कि यह आंदोलन ब्रिटेन की अस्मिता और भविष्य को बचाने के लिए जरूरी है।

एलन मस्क का वीडियो संदेश

इस प्रदर्शन की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि इसमें टेस्ला और एक्स (पूर्व ट्विटर) के मालिक एलन मस्क भी जुड़े। मस्क ने वीडियो लिंक के माध्यम से रैली में मौजूद भीड़ को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ब्रिटेन एक गंभीर स्थिति से गुजर रहा है और वामपंथी ताकतें हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि वामपंथ हत्या और खून-खराबे का जश्न मनाने वाली पार्टी बन चुका है। मस्क ने लोगों को चेतावनी दी कि हिंसा उनके पास आ रही है और अब उनके सामने सिर्फ दो विकल्प हैं – या तो वे लड़ें या फिर मरने के लिए तैयार रहें।

रैली में दक्षिणपंथी नेताओं की मौजूदगी

इस रैली में यूरोप और अमेरिका से जुड़े कई दक्षिणपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी शिरकत की। मंच से दिए गए भाषणों में प्रवासन के मुद्दे, राष्ट्रीय पहचान, सांस्कृतिक बदलाव और सुरक्षा जैसे विषयों पर जोर दिया गया। वक्ताओं ने कहा कि ब्रिटेन की पारंपरिक पहचान को खतरा है और जनता को एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। कई भाषणों में यह दावा किया गया कि मुख्यधारा की राजनीति इन गंभीर मुद्दों पर आंख मूंदे हुए है।

शांतिपूर्ण रैली से हिंसा में बदला माहौल

हालांकि शुरुआत में रैली का माहौल शांतिपूर्ण था, लेकिन भीड़ बढ़ने के साथ ही तनाव भी बढ़ने लगा। पुलिस ने बताया कि कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं। कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस अधिकारियों पर लात-घूंसे बरसाने लगे और उनके ऊपर बोतलें फेंकी गईं। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को भीड़ को काबू करने के लिए अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा।

पुलिसकर्मियों पर हमला

मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने जानकारी दी कि इस हिंसक झड़प में 26 पुलिस अधिकारी घायल हुए, जिनमें चार की हालत गंभीर है। अधिकारियों ने बताया कि रैली को नियंत्रित करने के लिए हेलमेट और दंगारोधी ढालों से लैस अतिरिक्त 1,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा। पुलिस ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और कानून तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ब्रिटिश नारों से गूंजा प्रदर्शन

रैली के दौरान माहौल बेहद उग्र हो गया। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी ब्रिटिश झंडों में लिपटे नजर आए। वे “Fight or Die” यानी “लड़ो या मरो” जैसे नारे जोर-जोर से लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह आंदोलन केवल विरोध तक सीमित नहीं है, बल्कि ब्रिटेन की सांस्कृतिक पहचान और भविष्य के अस्तित्व के लिए एक निर्णायक लड़ाई है।

एलन मस्क पर विपक्षी नेता का हमला

एलन मस्क के इस रैली में शामिल होने पर ब्रिटेन में राजनीतिक विवाद भी छिड़ गया। लिबरल डेमोक्रेट्स के नेता एड डेवी ने सोशल मीडिया पर एलन मस्क की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मस्क जैसे प्रभावशाली व्यक्ति का इस रैली से जुड़ना चरमपंथी ताकतों को बढ़ावा देने जैसा है। एड डेवी ने यह भी कहा कि यह रैली ब्रिटेन की असली पहचान का प्रतिनिधित्व नहीं करती, बल्कि इसे नुकसान पहुंचाती है।

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