पुणे की खडकवासला विधानसभा सीट पर शुक्रवार को ईवीएम जांच के दौरान उस समय विवाद खड़ा हो गया जब एनसीपी (शरद पवार गुट) के उम्मीदवार सचिन डोडके ने वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मांग करते हुए चुनाव प्रक्रिया को रोक दिया। नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी भीमराव तापकीर से हारने के बाद डोडके ने दो मतदान केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट की दोबारा जांच की मांग की थी। चुनाव आयोग ने उनकी मांग पर जांच प्रक्रिया शुरू की, लेकिन वीवीपैट को लेकर आपत्ति के चलते प्रक्रिया अधर में लटक गई।
उम्मीदवार की आपत्ति और कोर्ट जाने की चेतावनी
सचिन डोडके का कहना है कि ईवीएम की जांच के दौरान उन्हें सिर्फ मशीन का अंतिम परिणाम दिखाया गया, जबकि उन्होंने स्पष्ट रूप से वीवीपैट पर्चियों की गिनती की मांग की थी। डोडके ने कहा, हमें उम्मीद थी कि ईवीएम के साथ-साथ वीवीपैट पर्चियों की भी दोबारा गिनती की जाएगी। अगर चुनाव आयोग हमारी बात नहीं सुनता, तो हम कानूनी रास्ता अपनाएंगे। उन्होंने इस संबंध में एक लिखित आवेदन भी प्रशासन को सौंपा और पूरी प्रक्रिया को बीच में ही रोक दिया।
चुनाव अधिकारी ने दी सफाई
निर्वाचन अधिकारी यशवंत माने ने बताया कि डोडके की मांग पर दो मतदान केंद्रों की ईवीएम मशीनों की ‘बर्न्ट मेमोरी’ की जांच की गई। इस प्रक्रिया में उम्मीदवार की मौजूदगी में मशीन की मेमोरी और चुनाव परिणाम दिखाए गए। माने ने कहा कि अगला चरण मॉक पोल का था, जिसमें वीवीपैट की गिनती होती, लेकिन इसके लिए मशीन का पुराना डेटा हटाना जरूरी होता है। डोडके ने डेटा मिटाने की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण मॉक पोल संभव नहीं हो सका और आयोग ने प्रक्रिया को यथास्थिति में पूरा मान लिया।
दोबारा वीवीपैट गिनती की मांग अनुचित
चुनाव अधिकारी माने ने स्पष्ट किया कि वोटों की गिनती के दिन ही तय प्रक्रिया के तहत रैंडम वीवीपैट पर्चियों की गिनती हो चुकी है। ऐसे में अब दोबारा गिनती का कोई औचित्य नहीं है। शुक्रवार को की गई जांच केवल यह सुनिश्चित करने के लिए थी कि ईवीएम में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं हुई है। आयोग के अनुसार, नियमों के तहत सारी प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है।