ईरान में मोसाद के लिए जासूसी करने वाले इस्माइल फेकरी को फांसी दी गई। सरकार ने बताया कि नौ अन्य जासूस भी पकड़े गए। यह मामला इजरायल-ईरान तनाव के बीच सामने आया है।
Iran: तेहरान और तेल अवीव के बीच पहले से जारी टकराव और बढ़ गया है। ईरान ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने वाले एक आरोपी को फांसी पर लटका दिया है। सरकारी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फांसी की सजा पाने वाले शख्स की पहचान इस्माइल फेकरी के रूप में की गई है, जिसे दिसंबर 2024 में गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारियों का दावा है कि फेकरी ने इजरायली एजेंसी के दो एजेंट्स के संपर्क में रहकर ईरान की सुरक्षा से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारियां साझा की थीं। इसके बदले में उसे भुगतान भी किया गया। ईरान की खुफिया एजेंसियों ने इस्माइल फेकरी पर महीनों तक नजर रखी और सबूत इकट्ठा करने के बाद उसे गिरफ्तार किया। फिर लंबी जांच और मुकदमे की प्रक्रिया के बाद अदालत ने उसे देशद्रोह और विदेशी एजेंसी के लिए जासूसी का दोषी माना और फांसी की सजा सुना दी।
मोसाद के नेटवर्क पर ईरान की बड़ी कार्रवाई
ईरान ने केवल इस्माइल फेकरी को ही नहीं, बल्कि बीते एक हफ्ते में मोसाद से कथित रूप से जुड़े नौ अन्य संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि ये सभी एक संगठित खुफिया नेटवर्क का हिस्सा थे जो इजरायल को गुप्त जानकारी पहुंचा रहे थे।
अधिकारियों ने इन लोगों की गिरफ्तारी को ‘सुरक्षा तंत्र की बड़ी कामयाबी’ बताया है। इस कार्रवाई को लेकर कहा जा रहा है कि ईरानी खुफिया एजेंसियों को लंबे समय से ऐसे नेटवर्क की तलाश थी जो देश की रक्षा, परमाणु कार्यक्रम और सैन्य ठिकानों से जुड़ी सूचनाएं लीक कर रहा था।
जंग के बीच जासूसी पर फांसी
यह घटनाक्रम उस वक्त सामने आया है जब ईरान और इजरायल के बीच सैन्य तनाव चरम पर है। पिछले चार दिनों से दोनों देशों के बीच सीमित युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। इजरायली हवाई हमलों में अब तक ईरान के 220 से ज्यादा नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,200 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। दूसरी ओर, ईरानी जवाबी हमलों में इजरायल के 22 नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और दर्जनों घायल हुए हैं।
क्या फेकरी अकेला था या मोसाद का एक हिस्सा?
इस्माइल फेकरी की गिरफ्तारी और फांसी के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वह अकेले काम कर रहा था या वह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा था? ईरान की खुफिया एजेंसियां अब इस दिशा में गहन जांच कर रही हैं। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिल रहे हैं कि फेकरी केवल एक एजेंट नहीं था, बल्कि उसके पीछे एक सोची-समझी योजना और मजबूत नेटवर्क था जो इजरायल के लिए काम कर रहा था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फेकरी मोसाद के संपर्क में वर्षों से था और वह धीरे-धीरे ईरान के विभिन्न सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी जानकारी जुटाने में सक्षम हो गया था।