ज्यादा नमक खाने की आदत दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर, आर्टरीज का सख्त होना और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। प्रोसेस्ड फूड से परहेज, ताजा खाना, मसाले और हर्ब्स का इस्तेमाल और नमक की मात्रा धीरे-धीरे कम करना दिल की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
Health TIps: हमारी रोजमर्रा की छोटी-छोटी आदतें दिल को बीमार बना सकती हैं, जिनमें सबसे आम है ज्यादा नमक खाना। नमक में मौजूद सोडियम शरीर में फ्लूएड रोकता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और आर्टरीज पर दबाव बढ़ता है। इसके चलते हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, प्रोसेस्ड फूड से दूरी, ताजा खाना और मसालों का प्रयोग इस "साइलेंट खतरे" से बचाव में मददगार है।
ज्यादा नमक और हाई ब्लड प्रेशर का रिश्ता
नमक में मौजूद सोडियम शरीर में पानी को रोकने का काम करता है। जब हम नमक जरूरत से ज्यादा खाते हैं, तो शरीर में फ्लूएड का स्तर बढ़ने लगता है। इसका असर सीधा ब्लड प्रेशर पर होता है। आर्टरीज पर ज्यादा दबाव पड़ता है और दिल को ब्लड पंप करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। यही लगातार स्थिति हाई ब्लड प्रेशर को जन्म देती है। लंबे समय तक बना रहने वाला हाई ब्लड प्रेशर दिल की दीवारों को कमजोर करने लगता है।
आर्टरीज पर दबाव का असर
जब ब्लड प्रेशर लंबे समय तक बढ़ा रहता है, तो इसका असर आर्टरीज की भीतरी परत पर दिखाई देता है। यह परत कमजोर हो जाती है और धीरे-धीरे वहां पर डैमेज भरने के लिए शरीर कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थ जमा करने लगता है। यही जमा पदार्थ प्लाक में बदलते हैं। जब आर्टरीज के अंदर प्लाक बनने लगते हैं तो वे संकरी और कठोर हो जाती हैं। इससे ब्लड का बहाव सामान्य नहीं रह पाता और क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है।
दिल के लिए बड़ा खतरा
दिल की मांसपेशियों को सही तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में ब्लड की जरूरत होती है। जब आर्टरीज सिकुड़ जाती हैं या उनमें रुकावट आ जाती है, तो दिल को ज्यादा दबाव में काम करना पड़ता है। इससे दिल की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। कमजोर मांसपेशियों के कारण दिल के फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर किसी आर्टरी में अचानक रुकावट आ जाए तो हार्ट अटैक हो सकता है। वहीं, अगर ब्लड सप्लाई दिमाग तक जाने वाली आर्टरी में रुक जाए तो स्ट्रोक का खतरा भी सामने आ सकता है।
खाने-पीने की आदतें सबसे बड़ा कारण
आधुनिक खानपान में प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है। नमक की सबसे ज्यादा मात्रा इन्हीं चीजों से शरीर में पहुंचती है। इंस्टेंट नूडल्स, चिप्स, बिस्कुट, रेडी-टू-ईट स्नैक्स, सॉस, पैक्ड सूप और अचार जैसे उत्पादों में नमक की मात्रा सामान्य से कहीं ज्यादा होती है। लोग बिना सोचे-समझे इन चीजों का सेवन करते हैं और धीरे-धीरे उनका शरीर अतिरिक्त सोडियम का आदी हो जाता है।
घर का ताजा खाना सबसे सुरक्षित
अगर खाने की आदतों पर गौर किया जाए तो सबसे अच्छा विकल्प घर पर बना ताजा भोजन है। घर के खाने में नमक की मात्रा पर पूरी तरह नियंत्रण रहता है। लोग चाहें तो इसमें धीरे-धीरे बदलाव करके नमक कम कर सकते हैं। कई बार नमक की जगह मसालों और हर्ब्स का इस्तेमाल खाने के स्वाद को बनाए रखता है। काली मिर्च, जीरा, धनिया, पुदीना, अदरक, हल्दी और लहसुन जैसी चीजें न केवल स्वाद बढ़ाती हैं, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद होती हैं।
लेबल पढ़ना जरूरी
आजकल बाजार से खरीदी जाने वाली ज्यादातर चीजें पैक्ड आती हैं। इन पर नमक यानी सोडियम की मात्रा साफ लिखी होती है। लेकिन अक्सर लोग इसे पढ़ने की परवाह नहीं करते। अगर लोग थोड़ा ध्यान दें और खरीदने से पहले लेबल पर दी गई जानकारी देखें तो वे आसानी से समझ सकते हैं कि उनके शरीर में कितना सोडियम पहुंच रहा है। यह आदत छोटी जरूर है, लेकिन लंबे समय में दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है।
धीरे-धीरे बदलें आदतें
ज्यादा नमक खाने की आदत अचानक छोड़ी नहीं जा सकती। लेकिन धीरे-धीरे इसकी मात्रा कम करना आसान है। स्वाद की आदतें धीरे-धीरे बदलती हैं। अगर लोग कोशिश करें तो उन्हें कम नमक वाला खाना भी स्वादिष्ट लगने लगता है। इस तरह के छोटे-छोटे बदलाव आगे चलकर दिल को सुरक्षित रखने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।