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नर्मदा परिक्रमा पर दिग्विजय को सलाह देने को लेकर मंत्री प्रहलाद पटेल का खुलासा, जानें क्या कहा?

नर्मदा परिक्रमा पर दिग्विजय को सलाह देने को लेकर मंत्री प्रहलाद पटेल का खुलासा, जानें क्या कहा?

मध्यप्रदेश मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने खुलासा किया कि 2017 में दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा पर सलाह देने में पहले हिचकिचाहट थी। बाद में धार्मिक महत्व को देखते हुए उन्होंने मार्गदर्शन दिया। यात्रा 192 दिन और 3300 किमी लंबी थी

MP: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा को लेकर एक नया रहस्य सामने आया है। राज्य के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने इस बात का खुलासा किया है कि वह शुरू में दिग्विजय सिंह को कोई सलाह देने के इच्छुक नहीं थे। उन्होंने बताया कि राजनीतिक विरोध के कारण उन्होंने पहले सलाह देने से परहेज किया, लेकिन बाद में परिस्थितियां बदल गईं और उन्होंने मदद की।

192 दिन चली थी दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा

दिग्विजय सिंह की यह यात्रा 30 सितंबर 2017 को नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट से शुरू हुई थी। तकरीबन 3,300 किलोमीटर की इस यात्रा को पूरा करने में 192 दिन लगे। इस पदयात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता सिंह ने नर्मदा नदी के किनारे-किनारे चलते हुए आध्यात्मिक और सामाजिक संदेश दिया। यात्रा का समापन भी बरमान घाट पर ही हुआ।

BJP नेता से क्यों ली गई थी सलाह

कार्यक्रम के दौरान प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि दिग्विजय सिंह ने यात्रा शुरू करने से पहले उनसे सलाह मांगी थी। इसका कारण यह था कि पटेल खुद कई बार नर्मदा परिक्रमा कर चुके थे, वह भी कुछ मौकों पर नंगे पैर। दिग्विजय सिंह भले ही BJP और RSS के आलोचक रहे हों, लेकिन इस धार्मिक यात्रा के लिए उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधी से मार्गदर्शन लेने का फैसला किया।

शुरू में मदद से किया था इनकार

मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने भोपाल सेंट्रल प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि जब दिग्विजय सिंह ने पहली बार उनसे संपर्क किया तो उन्होंने तुरंत कोई सलाह देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “हम राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं, इसलिए मैं हिचकिचा रहा था। उन्होंने मुझसे दो बार संपर्क किया, लेकिन मैं फैसला नहीं कर सका।”

संसद में हुई मुलाकात से बदला फैसला

पटेल ने आगे बताया कि कुछ समय बाद उनकी मुलाकात दिग्विजय सिंह से संसद में हुई। यहीं पर यह तय हुआ कि दिग्विजय सिंह सलाह लेने के लिए उनके घर आएंगे। पटेल ने कहा, “मेरे बुजुर्गों ने भी मुझसे कहा कि यह यात्रा धार्मिक है, इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं। इसलिए मदद करना ही सही होगा।”

दिल्ली में दी गई जरूरी जानकारी

प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि दिग्विजय सिंह बाद में दिल्ली में उनके घर आए, जहां उन्होंने परिक्रमा से जुड़ी पूरी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने यात्रा के अनुभव साझा किए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस पर विस्तार से चर्चा की।

लेखक अमृतलाल वेगड़ से मिलने की सलाह

पटेल ने दिग्विजय सिंह को प्रसिद्ध लेखक अमृतलाल वेगड़ से मिलने की भी सलाह दी। वेगड़ ने नर्मदा परिक्रमा पर कई किताबें लिखी हैं और इस विषय पर गहरी जानकारी रखते हैं। पटेल का मानना था कि वेगड़ से मिलकर दिग्विजय सिंह को इस यात्रा को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।

धार्मिक यात्रा पर राजनीति नहीं

मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कार्यक्रम में यह भी स्पष्ट किया कि उनकी मदद का राजनीतिक उद्देश्य नहीं था। उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा पूरी तरह धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा है। इसलिए उन्होंने अपने राजनीतिक मतभेदों को किनारे रखकर दिग्विजय सिंह को मार्गदर्शन दिया।

192 दिनों में तय हुई 3300 किलोमीटर की दूरी

दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता ने इस यात्रा के दौरान करीब 3,300 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की। यह यात्रा नर्मदा नदी के किनारे-किनारे होती हुई 192 दिनों में पूरी हुई। दिग्विजय सिंह ने इस यात्रा को सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण बताया।

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