पीरियड्स के दौरान महिलाओं में लो ब्लड प्रेशर आम है, खासकर हेवी ब्लीडिंग, हार्मोनल बदलाव, डिहाइड्रेशन और अधिक पेनकिलर लेने की वजह से। इससे चक्कर, थकान, सिरदर्द और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पर्याप्त पानी, आयरन और विटामिन सी युक्त आहार और आराम से लो बीपी को कम किया जा सकता है।
Low blood pressure during periods: पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव और हेवी ब्लीडिंग के कारण लो ब्लड प्रेशर हो सकता है। सफदरजंग अस्पताल की पूर्व विशेषज्ञ डॉ. सलोनी चड्ढा के अनुसार, खून की कमी, डिहाइड्रेशन और अधिक पेनकिलर का सेवन ब्लड प्रेशर को प्रभावित करता है। इसका असर चक्कर, सिरदर्द, सुस्ती और कमजोरी के रूप में दिख सकता है। ऐसे में महिलाओं को पर्याप्त पानी, फ्लूड्स, आयरन और विटामिन सी युक्त आहार लेने और आराम करने की सलाह दी जाती है।
खून की कमी का असर
पीरियड्स के समय कुछ महिलाओं को हेवी ब्लीडिंग होती है। लगातार ब्लीडिंग होने से शरीर में फ्लूड्स और मिनरल्स की कमी हो जाती है। इसमें आयरन और अन्य पोषक तत्व भी शामिल होते हैं। जब शरीर में ये तत्व कम हो जाते हैं तो ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित होती है और ब्लड प्रेशर गिरने लगता है। इसके परिणामस्वरूप चक्कर आना, थकान और शरीर में कमजोरी जैसी समस्याएं दिख सकती हैं।
हार्मोनल बदलावों की भूमिका
पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में हार्मोनल फ्लक्चुएशन होता है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर लगातार बदलता रहता है। ये हार्मोन ब्लड वेसल्स और सर्कुलेशन को सीधे प्रभावित करते हैं। हार्मोनल असंतुलन की वजह से ब्लड प्रेशर सामान्य से नीचे जा सकता है। कई महिलाओं को इस दौरान चक्कर आना, सिरदर्द और सुस्ती महसूस होती है।
डिहाइड्रेशन का असर
पीरियड्स के दौरान यदि शरीर में पानी और फ्लूड्स की कमी हो जाए तो ब्लड वॉल्यूम कम हो जाता है। इसके कारण ब्लड प्रेशर गिरने लगता है। हेवी ब्लीडिंग या असहनीय दर्द के समय महिलाओं को डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है। इस वजह से पीरियड्स में लो ब्लड प्रेशर आम तौर पर देखा जाता है।
दर्द निवारक दवाओं का प्रभाव
पीरियड्स के समय क्रैम्प्स और असहनीय दर्द से राहत पाने के लिए महिलाएं पेनकिलर का सेवन करती हैं। हालांकि, बार-बार या अधिक मात्रा में पेनकिलर लेने से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। इसलिए पेनकिलर का उपयोग डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना चाहिए।
किन महिलाओं को ज्यादा खतरा होता है
लो ब्लड प्रेशर की समस्या उन महिलाओं में अधिक देखी जाती है जिनमें पहले से एनीमिया है। इसके अलावा, जिन महिलाओं को बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है या जो जल्दी डिहाइड्रेट हो जाती हैं, उन्हें भी इसका खतरा अधिक होता है। कम वजन वाली और कमजोर शरीर वाली महिलाओं में भी पीरियड्स के दौरान लो ब्लड प्रेशर की संभावना बढ़ जाती है।
शरीर में बदलाव और लक्षण
पीरियड्स के दौरान लो ब्लड प्रेशर के कारण महिलाओं को चक्कर आना, सिर में दर्द, सुस्ती, थकान और कमजोरी जैसी समस्या महसूस हो सकती है। कुछ मामलों में हल्की बेहोशी या सांस लेने में तकलीफ भी दिखाई दे सकती है। महिलाओं में हेवी ब्लीडिंग और लो बीपी के लक्षण आमतौर पर एक साथ दिखाई देते हैं।
सावधानियां और देखभाल
पीरियड्स के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए गुगुना पानी, नारियल पानी और नींबू पानी जैसे फ्लूड्स का सेवन बढ़ाना चाहिए। आयरन और विटामिन C से भरपूर आहार लेने से खून की कमी और ब्लड प्रेशर की समस्या कम हो सकती है।
यदि बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही हो या बार-बार चक्कर आ रहे हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। पीरियड्स में दर्द अधिक हो तो गर्म पानी की सिकाई से राहत मिल सकती है। पर्याप्त आराम करना और स्ट्रेस से बचना भी जरूरी है।