अगर आपका बिजली बिल हर महीने लगातार बढ़ता जा रहा है, तो इसके पीछे सिर्फ भारी बिजली उपकरण ही नहीं, बल्कि आपकी कुछ छोटी-छोटी गलत आदतें भी जिम्मेदार हो सकती हैं।
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में स्मार्टफोन हमारी रोज़मर्रा की ज़रूरत बन गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी एक छोटी सी लापरवाही आपके बिजली बिल को बढ़ा सकती है? जी हां, फोन चार्जिंग के बाद चार्जर को प्लग से नहीं निकालना और सॉकेट का बटन ऑन छोड़ देना आपकी जेब पर असर डाल सकता है।
बहुत से लोग सोचते हैं कि जब फोन को चार्जिंग से हटा लिया गया है तो अब बिजली की खपत नहीं हो रही। लेकिन यह सोच गलत है। विशेषज्ञों के अनुसार, फोन चार्जर बिना कनेक्शन के भी बिजली खींचता है और यह लगातार खपत बिजली के बिल को बढ़ा सकती है।
चार्जर को सॉकेट से नहीं निकालना बन सकता है महंगी आदत
आमतौर पर जब फोन फुल चार्ज हो जाता है तो हम जल्दी में चार्जर से केवल फोन निकाल लेते हैं और सॉकेट का बटन ऑन ही छोड़ देते हैं। यह आदत लोगों में बेहद आम है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यह बिजली की बर्बादी का कारण बन रही है। दरअसल, चार्जर में मौजूद ट्रांसफॉर्मर और सर्किट लगातार एक्टिव रहते हैं और सॉकेट ऑन रहने पर बिजली का खपत करते हैं।
इसे तकनीकी भाषा में स्टैंडबाय पावर या वैम्पायर पावर कहा जाता है। यानी कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब उपयोग में नहीं होते हुए भी सॉकेट में लगे हों और चालू अवस्था में हों, तो वे धीमी गति से बिजली का उपयोग करते रहते हैं।
क्या है वैम्पायर पावर?
वैम्पायर पावर (Vampire Power) का मतलब है – बिजली की वह खपत जो उन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के माध्यम से होती है जो प्लग में तो लगे रहते हैं, लेकिन उपयोग में नहीं होते।
यह समस्या केवल चार्जर तक सीमित नहीं है। टीवी, कंप्यूटर, होम थिएटर सिस्टम, माइक्रोवेव जैसे कई उपकरण भी स्टैंडबाय मोड में रहते हुए बिजली की खपत करते हैं। अगर हर बार इन्हें पूरी तरह से बंद न किया जाए, तो यह महीनों में आपके बिजली बिल में बड़ी राशि जोड़ सकता है।
छोटा नुकसान, लेकिन लगातार होता है
फोन चार्जर से होने वाली बिजली की खपत शायद ही महीने के बिल में बड़ा फर्क डालती हो, लेकिन जब यह आदत साल भर बनी रहती है और साथ में अन्य उपकरणों के साथ भी यही व्यवहार होता है, तो यह एक बड़ी राशि में बदल जाती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, एक स्टैंडबाय डिवाइस औसतन साल भर में लगभग 20 से 30 यूनिट बिजली खपत कर सकता है। अगर घर में 5 से 6 डिवाइस नियमित रूप से स्टैंडबाय मोड में रहते हैं, तो यह सालाना 150 से 200 यूनिट तक हो सकता है।
चार्जर की उम्र भी हो सकती है कम
सिर्फ बिजली बिल ही नहीं, लगातार सॉकेट में लगे रहने से चार्जर की उम्र भी घट जाती है। यह लगातार एक्टिव मोड में रहता है, जिससे उसके अंदर के इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इससे ना सिर्फ नया चार्जर खरीदने का खर्च बढ़ता है, बल्कि खराब चार्जर से मोबाइल को नुकसान पहुंचने का खतरा भी बना रहता है।
एनर्जी एक्सपर्ट्स की सलाह
एनर्जी एक्सपर्ट्स की मानें तो सिर्फ चार्जर ही नहीं, बल्कि सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को उपयोग के बाद प्लग से निकालना और सॉकेट का बटन बंद करना चाहिए। इससे न केवल बिजली की बचत होती है, बल्कि उपकरणों की लाइफ भी बढ़ती है।
कुछ देशों में सरकारें 'स्टैंडबाय पावर' के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चला चुकी हैं। भारत में भी अब इस ओर ध्यान देना जरूरी हो गया है, क्योंकि घरों में बढ़ती इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की संख्या के साथ बिजली खपत भी तेजी से बढ़ रही है।
बचाव के आसान उपाय
अगर आप बिजली बचाना चाहते हैं और बिल पर लगाम लगाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कुछ आसान उपायों को अपनाएं:
- फोन फुल चार्ज होते ही चार्जर को सॉकेट से निकालें और बटन बंद करें
- लैपटॉप, टीवी और मॉनिटर जैसे उपकरणों को उपयोग के बाद पूरी तरह से बंद करें
- मल्टीप्लग एक्सटेंशन का उपयोग करें, जिससे एक ही बटन से कई डिवाइसेज को बंद किया जा सके
- स्मार्ट प्लग और टाइमर प्लग का उपयोग करें, जो निर्धारित समय के बाद खुद ही बंद हो जाएं
- बिजली की खपत पर नज़र रखने वाले ऐप्स या मीटर का प्रयोग करें