इजरायल और ईरान के बीच जारी जंग में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शांति की पहल करते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप से बात की। 50 मिनट की इस कॉल में मिडिल ईस्ट की स्थिति पर चर्चा हुई।
Putin Trump: मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच जारी खूनी संघर्ष के बीच एक दिलचस्प कूटनीतिक पहल हुई है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर 50 मिनट लंबी बातचीत हुई। इस वार्ता में मिडिल ईस्ट में बिगड़ते हालात, इजरायल और ईरान के बीच बढ़ती टेंशन, और संभावित शांति प्रयासों पर चर्चा हुई।
मिडिल ईस्ट में जंग का नया मोर्चा
बीते 48 घंटों में मिडिल ईस्ट में हालात और भी गंभीर हो गए हैं। इजरायल और ईरान एक-दूसरे पर मिसाइलों की बारिश कर रहे हैं। इजरायली सेना IDF के अनुसार, ईरान ने 80 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिनमें से 40 उत्तरी इजरायल में दागी गईं। इस हमले में 10 इजरायली नागरिकों की मौत और 200 से ज्यादा के घायल होने की खबर है। वहीं, सात लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
इजरायल का जवाबी हमला
इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान की कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं। इन हमलों में अब तक 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें छह शीर्ष सैन्य जनरल और नौ न्यूक्लियर वैज्ञानिक बताए जा रहे हैं। इजरायली सेना ने पश्चिमी ईरान के मिसाइल स्टोरेज और लॉन्चर्स को निशाना बनाया है। साथ ही, नागरिकों को सेना के ठिकानों से दूर रहने की चेतावनी भी दी गई है।
पुतिन-ट्रंप की फोन कॉल में क्या चर्चा हुई?
क्रेमलिन के अधिकारी यूरी उशाकोव ने जानकारी दी कि पुतिन और ट्रंप के बीच 50 मिनट की यह बातचीत बेहद लाभकारी रही। इसमें इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष पर चिंता जताई गई और मिडिल ईस्ट में शांति की संभावनाओं पर विचार हुआ।
पुतिन ने ट्रंप को बताया कि उन्होंने इजरायल और ईरान के राष्ट्रप्रमुखों के साथ भी बातचीत की है। उन्होंने इजरायल द्वारा ईरान पर किए जा रहे सैन्य ऑपरेशन की आलोचना की और कहा कि इससे पूरे मिडिल ईस्ट की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
रूस करेगा मध्यस्थता?
पुतिन ने इस संघर्ष को रोकने के लिए संभावित मध्यस्थता की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि रूस इस क्षेत्र में शांति बहाल करने के प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है। यह बयान ऐसे समय आया है जब खुद रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझा हुआ है। ऐसे में पुतिन का यह कदम वैश्विक कूटनीति में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
ट्रंप की प्रतिक्रिया
ट्रंप ने भी इस बातचीत के दौरान चिंता जाहिर की और कहा कि ईरान को बातचीत की मेज पर वापस आना होगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका के वार्ताकार तैयार हैं और ईरानी प्रतिनिधियों के साथ बातचीत को प्राथमिकता देंगे। इस कॉल के दौरान पुतिन ने ट्रंप को 2 जून को इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधियों के बीच हुई सहमति की जानकारी भी दी। साथ ही बताया कि रूस 22 जून के बाद यूक्रेन के साथ फिर से बातचीत के लिए तैयार है।
इजरायल के हमलों को देखते हुए ईरान ने अपने कई प्रांतों में एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया है। साथ ही सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पश्चिमी ईरान में स्थिति बेहद तनावपूर्ण है, जहां इजरायल की मिसाइलें लगातार गिर रही हैं।