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RBI New Rule 2026: लॉकर चोरी पर मिलेगा 100 गुना हर्जाना, जानें KYC और लॉकर सुरक्षा की नई बातें

RBI New Rule 2026: लॉकर चोरी पर मिलेगा 100 गुना हर्जाना, जानें KYC और लॉकर सुरक्षा की नई बातें

2026 से लागू होने वाले नए बैंकिंग नियमों में ग्राहकों की सुरक्षा और सुविधा बढ़ाई जाएगी। लॉकर चोरी पर बैंक 100 गुना हर्जाना देगा, साइबर फ्रॉड में ग्राहक को कोई नुकसान नहीं होगा, KYC प्रक्रिया सरल होगी, लोन पर प्रीपेमेंट पेनाल्टी खत्म होगी और वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर पर बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

RBI New Rule 2026: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 1 जनवरी 2026 से नए बैंकिंग नियम लागू करने जा रहा है, जिनमें ग्राहक सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी गई है। इसमें लॉकर चोरी पर बैंक को 100 गुना हर्जाना देना होगा, साइबर फ्रॉड की स्थिति में ग्राहक को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा, KYC प्रक्रिया सरल होगी, लोन पर प्रीपेमेंट पेनाल्टी खत्म होगी और वरिष्ठ नागरिकों को घर पर बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी।

साइबर फ्रॉड पर सख्ती

आरबीआई ने साइबर धोखाधड़ी के मामलों में ग्राहकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। नए नियमों के अनुसार यदि किसी ग्राहक के खाते से साइबर फ्रॉड होता है और वह तीन दिनों के अंदर बैंक को इसकी जानकारी देता है, तो उसकी जिम्मेदारी शून्य मानी जाएगी। यानी ग्राहक को कोई वित्तीय नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। इसके अलावा, अगर बैंक ऐसे मामलों में समय पर कार्रवाई नहीं करता, तो उस पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस बदलाव से बैंकों को साइबर सुरक्षा के उपायों में और सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।

लॉकर से जुड़े विवादों में भी ग्राहकों को राहत दी गई है। अगर किसी ग्राहक का लॉकर बैंक की लापरवाही या सुरक्षा चूक के कारण चोरी या नुकसान का शिकार होता है, तो बैंक को लॉकर किराए के 100 गुना तक हर्जाना देना होगा। यह प्रावधान ग्राहकों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

केवाईसी प्रक्रिया में आसान बदलाव

नए नियमों में KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। सामान्य खातों के लिए केवाईसी हर 10 साल में एक बार पूरी करनी होगी। मध्यम जोखिम वाले खातों के लिए हर 8 साल और उच्च जोखिम वाले खाताओं के लिए हर 2 साल में केवाईसी आवश्यक होगी। इससे ग्राहकों को बार-बार दस्तावेज जमा कराने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा।

लोन से जुड़े मामलों में भी ग्राहकों को राहत दी गई है। अब सभी बैंकों को ब्याज दर तय करने के लिए एक समान फॉर्मूला अपनाना होगा। इससे लोन की शर्तों में पारदर्शिता बढ़ेगी। इसके अलावा, सभी लोन पर प्रीपेमेंट पेनाल्टी पूरी तरह समाप्त कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि ग्राहक समय से पहले लोन चुकाने पर किसी अतिरिक्त शुल्क से बचेंगे।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधा

नए नियमों में 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर बैठे बैंकिंग की सुविधा प्रस्तावित की गई है। यानी अब उन्हें बैंक शाखा आने की जरूरत नहीं होगी। बैंक अधिकारी घर पर जाकर जरूरी सेवाएं प्रदान करेंगे। इससे वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंकिंग और भी आसान और सुरक्षित होगी।

लागू होने की समयसीमा

आरबीआई ने कहा है कि जनता और बैंकों से प्राप्त सुझावों पर विचार करने के बाद 1 जनवरी 2026 से 1 अप्रैल 2026 के बीच नए नियम चरणबद्ध तरीके से लागू किए जाएंगे। यह बदलाव बैंकिंग सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाएगा, ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाएगा और बैंकिंग प्रणाली को अधिक जिम्मेदार बनाएगा।

ग्राहकों और बैंकों के लिए महत्व

इन नियमों के लागू होने से न केवल ग्राहकों की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि बैंकिंग व्यवहार में भी सुधार आएगा। साइबर फ्रॉड और लॉकर चोरी जैसी घटनाओं में ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा का भरोसा मिलेगा। केवाईसी और लोन नियमों में सरलता से ग्राहकों की सुविधा बढ़ेगी और बैंकिंग प्रक्रिया तेज होगी।

नए नियम बैंकिंग प्रणाली की जवाबदेही और पारदर्शिता को मजबूत करेंगे। ग्राहक अब अधिक सुरक्षित और आत्मविश्वास के साथ बैंकिंग लेन-देन कर सकेंगे। वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर बैठे बैंकिंग सुविधा और लॉकर से जुड़े हर्जाने के नियम इन्हें और भी उपयोगी बनाते हैं।

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