जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले से एक बेहद दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। गुरुवार देर रात रियासी के सलुख इख्तर नाला क्षेत्र में एक चलती कार पर अचानक पहाड़ी से बड़ा पत्थर गिर गया। इस हादसे में रामनगर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) राजिंदर सिंह राणा और उनके बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, राणा की पत्नी समेत तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हादसे की खबर फैलते ही इलाके में शोक की लहर दौड़ गई और प्रशासनिक महकमे में भी गहरा दुख छा गया।
धर्मारी से लौटते वक्त हुआ हादसा
पुलिस के मुताबिक, एसडीएम राणा अपने परिवार के साथ धर्मारी से अपने पैतृक गांव पट्टियां लौट रहे थे। रास्ते में सलुख इख्तर नाला के पास अचानक भूस्खलन हुआ और पहाड़ी से एक भारी पत्थर सीधे उनके वाहन पर आ गिरा। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और राणा व उनके बेटे की जान मौके पर ही चली गई।
हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और राहत दल घटनास्थल पर पहुंचे। चूंकि क्षेत्र पूरी तरह पहाड़ी है, इसलिए एंबुलेंस को पहुंचने में कुछ समय लगा। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल रियासी रेफर किया गया।
मेडिकल टीम का बयान
रियासी जिला अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. गोपाल दत्त ने बताया कि उन्हें हादसे की सूचना मिलते ही सीएमओ कार्यालय से अलर्ट किया गया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र दुर्गम होने के कारण एंबुलेंस को पहुंचने में थोड़ी देर जरूर लगी, लेकिन घायलों को समय रहते अस्पताल लाया गया और उनका इलाज शुरू कर दिया गया।
प्रशासनिक महकमे में शोक की लहर
एसडीएम राजिंदर सिंह राणा जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक सेवा के 2011 बैच के अधिकारी थे और वर्तमान में रामनगर में तैनात थे। वह अपने व्यवहार, सादगी और कार्य के प्रति समर्पण के लिए आम जनता में काफी लोकप्रिय थे। उनकी असमय मौत ने न सिर्फ प्रशासनिक अमले बल्कि स्थानीय लोगों को भी गहरे सदमे में डाल दिया है। सहयोगी अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें एक जिम्मेदार और संवेदनशील अफसर के रूप में याद किया।
उपराज्यपाल ने जताया दुख
इस दुखद हादसे पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि एसडीएम राजिंदर सिंह राणा और उनके पुत्र की आकस्मिक मृत्यु अत्यंत दुखद है। उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति और शोकग्रस्त परिवार को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
पहाड़ी इलाकों में बढ़ते खतरे
गौर करने वाली बात यह है कि कुछ ही सप्ताह पहले पूर्वी लद्दाख में भी इसी तरह का हादसा हुआ था, जहां एक सैन्य वाहन पर चट्टान गिरने से दो जवानों की मौत हो गई थी। पहाड़ी इलाकों में खासतौर पर बरसात के मौसम में भूस्खलन और चट्टान गिरने की घटनाएं आम हो जाती हैं। ऐसे में यात्रियों और प्रशासन दोनों के लिए जरूरी है कि मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सावधानी बरती जाए।