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रूस-भारत की दोस्ती से असहज अमेरिका को भारत की दो टूक, विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान पर दिया करारा जवाब

रूस-भारत की दोस्ती से असहज अमेरिका को भारत की दो टूक, विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान पर दिया करारा जवाब

भारत-रूस संबंधों पर अमेरिका के रुख को लेकर विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान को सिरे से नकारा। प्रवक्ता ने कहा- भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर कायम रहेगा। रक्षा साझेदारी अमेरिका से मजबूत है।

India-US: भारत और रूस की नजदीकी को लेकर अमेरिका की ओर से उठती चिंता पर भारत ने अपनी स्पष्ट और सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस पर जवाब देना भारत की जगह व्हाइट हाउस की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के तहत अपने हितों को ध्यान में रखकर निर्णय लेता है।

ट्रंप के बयान पर विदेश मंत्रालय की साफ प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में बयान दिया था कि भारत भविष्य में पाकिस्तान से भी तेल खरीद सकता है और रूस के साथ उसकी निकटता अमेरिका के लिए चिंता का विषय है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "जहां तक व्हाइट हाउस के बयान का सवाल है, इस पर प्रतिक्रिया देना व्हाइट हाउस का काम है।" उन्होंने आगे कहा कि भारत की विदेश नीति पूरी तरह राष्ट्रीय हितों पर आधारित है और किसी भी देश के दबाव में नहीं चलती।

अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों पर भारत का रुख

जब ईरान के साथ व्यापार करने वाली भारतीय कंपनियों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के संबंध में सवाल पूछा गया, तो रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने इन प्रतिबंधों पर ध्यान दिया है और सरकार इस पर विचार कर रही है।" ऐसे में भारत अमेरिकी दबाव के बावजूद अपने कारोबारी फैसलों में संप्रभुता बनाए रखने के पक्ष में है।

भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी पर जोर

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा, "हमने 21वीं सदी के लिए India-US Compact Partnership बनाई है, जो साझा हितों और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है।"

रणधीर जायसवाल के अनुसार, यह साझेदारी कई बार वैश्विक चुनौतियों और बदलावों से गुज़री है, लेकिन दोनों देश अपने एजेंडे पर केंद्रित हैं और आगे भी इस दिशा में काम करते रहेंगे।

रूस से तेल खरीद पर MEA ने नहीं दी सीधी प्रतिक्रिया

जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत की तेल कंपनियों ने रूस से फिर से तेल खरीदना शुरू कर दिया है, तो उन्होंने इस पर कोई सीधी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "मैं इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलना चाहूंगा।"

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