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SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का बड़ा संदेश, आतंकवाद पर दोहरे रवैये पर उठाए सवाल

SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का बड़ा संदेश, आतंकवाद पर दोहरे रवैये पर उठाए सवाल

SCO शिखर सम्मेलन 2025 में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर दोहरे रवैये को अस्वीकार्य बताते हुए हालिया पहलगाम हमले का जिक्र किया। उन्होंने वैश्विक एकजुटता की अपील की और सुरक्षा, कनेक्टिविटी व अवसर पर भारत की नीति पेश की।

SCO Summit: चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के 25वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुलेआम समर्थन देने पर सवाल उठाते हुए कहा कि आतंकवाद मानवता के खिलाफ है और इस पर दोहरा रवैया किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हो सकता।

पहलगाम हमले का जिक्र

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह हमला केवल भारत पर नहीं बल्कि पूरी मानवता पर सीधा हमला था। भारत ने पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेला है। हजारों परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि कुछ देश आतंकवाद को खुलेआम समर्थन क्यों दे रहे हैं और इस पर वैश्विक स्तर पर एकजुटता क्यों नहीं दिख रही।

आतंकवाद पर दोहरा रवैया स्वीकार्य नहीं: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा रवैया नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी देशों से अपील की कि आतंकवाद के हर रूप का मिलकर विरोध करें। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ एक देश के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए खतरा है। हर देश की जिम्मेदारी है कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए।

SCO-RAATS में भारत की भूमिका

पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने SCO-RAATS (Regional Anti-Terrorist Structure) के तहत इस साल अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकी संगठनों के खिलाफ संयुक्त सूचना अभियान (Joint Information Campaign) का नेतृत्व किया। साथ ही भारत ने आतंकवाद के वित्तपोषण (Terror Financing) और कट्टरपंथ (Radicalisation) के खिलाफ समन्वित प्रयासों का प्रस्ताव रखा, जिसे सदस्य देशों का समर्थन मिला।

सुरक्षा, कनेक्टिविटी और अवसर: भारत की SCO नीति के तीन स्तंभ

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की SCO नीति तीन स्तंभों पर आधारित है—सुरक्षा (Security), कनेक्टिविटी (Connectivity) और अवसर (Opportunity)। उन्होंने बताया कि सुरक्षा और स्थिरता किसी भी देश के विकास की बुनियाद है। बिना सुरक्षा के विकास और निवेश संभव नहीं है।

कनेक्टिविटी से विकास के नए दरवाजे खुलते

कनेक्टिविटी पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मजबूत कनेक्टिविटी न केवल व्यापार को बढ़ावा देती है बल्कि आपसी विश्वास और सहयोग को भी मजबूत करती है। भारत चाबहार पोर्ट और International North-South Transport Corridor जैसे प्रोजेक्ट्स के माध्यम से अफगानिस्तान और मध्य एशिया से संपर्क बढ़ा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट में संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए।

अवसरों के नए आयाम

अवसर (Opportunity) पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में SCO में स्टार्टअप्स, Digital Inclusion, पारंपरिक चिकित्सा (Traditional Medicine), युवा सशक्तिकरण और साझा बौद्ध विरासत (Shared Buddhist Heritage) जैसे विषयों पर फोकस किया गया। उन्होंने सुझाव दिया कि SCO के तहत एक सभ्यतागत संवाद मंच (Civilizational Dialogue Forum) बनाया जाए, जहां प्राचीन सभ्यताओं, कला और साहित्य पर चर्चा हो सके।

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की अपील

पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई केवल हथियारों से नहीं लड़ी जा सकती। इसके लिए वैचारिक स्तर पर भी मजबूती से काम करने की जरूरत है। कट्टरपंथ को रोकने और युवाओं को सही दिशा देने के लिए सभी देशों को मिलकर प्रयास करने होंगे।

भारत का ‘Reform, Perform, Transform’ मंत्र

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ‘Reform, Perform, Transform’ के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कोविड महामारी और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के समय भारत के प्रयासों का जिक्र किया और कहा कि भारत ने हर चुनौती को अवसर में बदलने की कोशिश की है।

संगठित अपराध और साइबर सुरक्षा पर फोकस

पीएम मोदी ने SCO में संगठित अपराध, मादक पदार्थ तस्करी और साइबर सुरक्षा जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए चार नए केंद्रों के गठन का स्वागत किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र (UN) के सुधारों की वकालत की और कहा कि Global South की आकांक्षाओं को पुराने ढांचों में कैद रखना अन्याय होगा।

किर्गिस्तान के राष्ट्रपति को दी बधाई

अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने SCO के अगले अध्यक्ष और किर्गिस्तान के राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में संगठन के सदस्य देशों के बीच सहयोग और मजबूत होगा।

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