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शिंदे परिवार ने की पीएम मोदी से मुलाकात, पोते रुद्रांश की फाइटर प्लेन की मांग बनी चर्चा का विषय

शिंदे परिवार ने की पीएम मोदी से मुलाकात, पोते रुद्रांश की फाइटर प्लेन की मांग बनी चर्चा का विषय

दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान एकनाथ शिंदे के पोते रुद्रांश ने फाइटर प्लेन और खिलौने लाने की मासूम मांग की, जिसे सुनकर पीएम मुस्कराए और माहौल खुशनुमा हो गया।

PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का मौका किसे नहीं भाता, लेकिन जब मुलाकात का आकर्षण एक पांच वर्षीय मासूम बच्चा बन जाए, तो नजारा कुछ और ही होता है। ऐसा ही कुछ हुआ जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने परिवार संग पीएम मोदी से मिलने पहुंचे। इस राजनीतिक भेंट का सबसे दिलचस्प और दिल को छू लेने वाला पल तब आया, जब शिंदे के पोते रुद्रांश की एक मासूम सी फरमाइश ने सभी का दिल जीत लिया।

‘मोदी बाबा से फाइटर प्लेन और खिलौने चाहिए’

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान पीएम ने जैसे ही पूछा, 'रुद्रांश कहां है?' तो शिंदे मुस्कराते हुए बोले, 'वो घर पर खेल रहा है, लेकिन जाते वक्त उसने कहा, दादाजी, मोदी बाबा से फाइटर प्लेन और खिलौने लेकर आना।' पीएम मोदी इस मासूमियत भरी डिमांड को सुनकर खुद को हंसी से रोक नहीं पाए। मौके पर मौजूद लोगों के चेहरों पर भी मुस्कान फैल गई। एकनाथ शिंदे ने इस वाकये को साझा करते हुए कहा, 'रुद्रांश की यह मांग एकदम दिल से निकली थी। बच्चों की मासूम बातें भी कभी-कभी हमारे लिए प्रेरणा बन जाती हैं।'

राजनीतिक मुलाकात, पारिवारिक रंग

यह मुलाकात केवल एक औपचारिक राजनीतिक भेंट नहीं थी, बल्कि इसमें पारिवारिक भावनाओं की झलक भी देखने को मिली। एकनाथ शिंदे अपनी पत्नी लता शिंदे, बेटे व सांसद श्रीकांत शिंदे, बहू वृषाली शिंदे के साथ प्रधानमंत्री निवास पहुंचे थे। जहां राजनैतिक चर्चा तो हुई ही, साथ ही सांस्कृतिक और पारिवारिक भावनाओं की भी गूंज सुनाई दी। शिंदे ने पीएम मोदी को भगवान शंकर की एक भेंट स्वरूप तस्वीर भी भेंट की। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर उन्होंने 'ऑपरेशन महादेव' की सफलता के उपलक्ष्य में दी है। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर सांस्कृतिक आस्था और शिवसेना की विचारधारा से जुड़ी है, जो ईश्वर की शक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक है।

ठाकरे पर निशाना: 'हम लोक कल्याण मार्ग पर हैं, वो 10 जनपथ'

मुलाकात के दौरान शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर भी अप्रत्यक्ष तंज कसा। उन्होंने कहा, 'जब हम प्रधानमंत्री से मुलाकात कर रहे थे, उसी समय उद्धव ठाकरे भी दिल्ली में थे। फर्क सिर्फ इतना है कि वो 10 जनपथ गए और हम लोक कल्याण मार्ग।' यह बयान सीधे-सीधे राजनीतिक संदेश दे गया — एक ओर प्रधानमंत्री से सीधी मुलाकात, दूसरी ओर विपक्षी खेमे की डिनर डिप्लोमेसी।

ऑपरेशन महादेव बनाम ऑपरेशन टाइगर

हाल ही में सामने आई 'ऑपरेशन टाइगर' की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिंदे ने कहा, 'हम टाइगर वाइगर नहीं, अब महादेव और सिंदूर की बात कर रहे हैं। हमारे लिए शिव शक्ति सर्वोपरि है, यही शक्ति हमें जनता की सेवा के लिए प्रेरित करती है।' उन्होंने साफ किया कि शिवसेना का असली मार्ग भगवा विचारधारा और हिंदुत्व की सेवा है, न कि सियासी समीकरणों का खेल।

रुद्रांश बना चर्चा का केंद्र

राजनीतिक मुलाकातों में जहां आमतौर पर गंभीर बातें होती हैं, वहीं रुद्रांश की मासूम फरमाइश ने इस मुलाकात को यादगार बना दिया। सोशल मीडिया पर भी इस किस्से की खूब चर्चा हो रही है। कई यूज़र्स ने ट्वीट किया कि 'नेताओं के बच्चे भी जब मासूमियत से बात करते हैं, तो वह राजनीति को भी मानवीय बना देते हैं।'

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